बहराइच हिंसा मामले में, जज ने मनु स्मृति का श्लोक पढ़कर दोषियों को सज़ा सुनाई। अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए पेन की निब भी तोड़ दी। यह मामला उत्तर प्रदेश के बहराइच शहर से संबंधित है, जहाँ हिंसा की घटना हुई थी। अदालत के इस फैसले की चर्चा हो रही है।

HighLights
- जज ने मनु स्मृति का श्लोक पढ़कर सज़ा सुनाई
- अदालत ने फैसला सुनाते हुए पेन की निब तोड़ी
- बहराइच हिंसा मामले में आया अदालत का फैसला
संतोष श्रीवास्तव, बहराइच। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा द्वितीय ने गुरुवार की शाम बहराइच के महाराजगंज हिंसा के रामगोपाल मिश्र हत्याकांड के दोषियों को सजा देते हुए टिप्पणी की कि निहत्थे नवयुवक की हत्या, उसके शरीर पर गोलियां चलाकर छलनी करना, उसके पैरों को इस तरह जलाना कि उसके नाखून तक बाहर निकल गए, इस कृत्य ने समाज में अशांति व अस्थिरता पैदा कर दी और हत्याकांड के दूसरे दिन बहुत बड़ी हिंसा की वारदात हुई।
दोषियों के इस कृत्य से मानवता कराह उठी। सामाजिक व्यवस्था चरमरा गई थी और समाज बिखराव के कगार पर पहुंच गया था। एक वर्ग के आस्था एवं विश्वास की भी हत्या हुई थी। अदालत ने टिप्पणी करते हुए दोषियों के बारे में कहा कि ऐसे शैतानों के लिए न्याय की समुचित मंशा में दंड दिया जाना चाहिए, जिससे समाज में पनप रहे ऐसे हैवानों के अंदर भय उत्पन्न हो और सामाजिक न्याय व्यवस्था के लिए विश्वास पैदा हो।

