ग्राम पंचायत के मुख्यालयों को बदलने से जुड़े मामलों में राजस्थान हाईकोर्ट ने 3 जिला कलक्टरों को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। अलग-अलग मामलों में राज्य सरकार के अलावा टोंक, धौलपुर और करौली के कलक्टर से 9 जनवरी तक जवाब तलब किया है।
change of headquarters for three panchaya
ts: ग्राम पंचायत के मुख्यालयों को बदलने से जुड़े मामलों में राजस्थान हाईकोर्ट ने 3 जिला कलक्टरों को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। अलग-अलग मामलों में राज्य सरकार के अलावा टोंक, धौलपुर और करौली के कलक्टर से 9 जनवरी तक जवाब तलब किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता कपिल प्रकाश माथुर को याचिकाओं की कॉपी सौंपने के आदेश देते हुए सरकार और पक्षकारों से 9 जनवरी तक जवाब मांगा है।
करौली ज़िले के सेंगरपुरा ग्राम पंचायत के जगदीश सिंह, टोंक ज़िलें के ग्राम पंचायत चावडिया के अर्जुन लाल बैरवा, धौलपुर जिले के चित्तौरा ग्राम पंचायत के मुन्ना लाल शर्मा की याचिकाओं पर वरिष्ठ न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह और न्यायाधीश रवि चिरानियां की खंडपीठ ने सुनवाई की।
करौली में 14 किमी दूर पंचायत मुख्यालय
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि करौली जिले में पंचायत मुख्यालय को करीब 14 किलोमीटर दूर कर दिया गया। जबकि 10 जनवरी 2025 के पत्र के अनुसार अधिकतम दूरी 5 किमी से ज्यादा दूर नहीं रखने की बात कही गई थी।
वहीं, याचिकाओं में यह भी कहा गया, “इन ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर पहले से ही राज्य सरकार के सभी कार्यालय मौजूद हैं. लेकिन सरकार ने मनमाने तरीके से अधिसूचना जारी कर इन ग्राम पंचायतों के मुख्यालय बदल दिए।
याचिका में यह बताया
याचिका में बताया गया है कि राज्य सरकार ने गत 20 नवम्बर को जारी अधिसूचना के तहत ग्राम पंचायत अरनिया का मुख्यालय बदलकर चुरेड़ा करने का निर्णय लिया। याचिकाकर्ता का आरोप है कि टोंक कलक्टर ने राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम की धारा 101 के तहत बगैर किसी प्रस्ताव के और बिना ग्रामीणों से आपत्ति लिए ही पंचायत मुख्यालय बदलने का आदेश दिया।
कलक्टर के प्रस्ताव किए दरकिनार
याचिकाओं में आरोप है कि ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने 10 जनवरी 2025 को प्रस्ताव मांगे थे। पंचायतीराज अधिनियम की धारा-101 के अंतर्गत पंचायतीराज संस्थाओं के पुर्नसीमांकन, नवसृजन और पुनर्गठन के लिए जिला कलक्टर से प्रस्ताव मांगे गए। लेकिन धौलपुर व करौली कलक्टर की ओर से भेजे गए प्रस्तावों को साइडलाइन करते हुए राज्य सरकार ने 20 नवम्बर 2025 को मनमाने ढंग से ग्राम पंचायतो के मुख्यालयों में बदलाव किया।


