संक्षेप: असम सीएम ने कहा कि एक मुस्लिम व्यक्ति ने मुझे बताया कि आपने मेरी इतनी मदद की है कि जरूरत पड़े तो आपको किडनी भी दे दूंगा, लेकिन आपको वोट नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि वोट केवल विचारधारा के आधार पर दिया जाता है।

असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमेताबिचारमा ने दो टूक कहा है कि वह दस हजार क्या अगर एक-एक लाख रुपया भी मुनियों को दे देंगे उब भी मुस्लिम उन्हें वोट नहीं देगा। उन्होंने बान तक के एक कार्यक्रम में यह दाक्ष किया। उनसे पूजा गया था कि जैसे बिहार में नीतीश कुमार की 10,000 रुपये वाली सीम चमत्कारी साबित हुई तो क्या वह भी ऐसी कोई बीमनाने की सोच रहे हैं।
इस पर सरमा ने कहा कि बिहार में NDA की जीत की वजह सिर्फ महिलाओं को दिया गया 10,000 रुपया नहीं है बल्कि नीतीश कुमार का सुशासन रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह भी एक कारण रहा लेकिन सभी ने 10,000 रुपये लेकर वोट नहीं दिए। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर 10,000 लेकर ही लोग वोट देते तो मुस्लिम हमें भी वोट देते। ि
मैं एक लाख रुपये दे दूं तो भी मियां मुसलमान वोट नहीं देगा
उन्होंने यह भी कहा कि यह एक एलिमेंट है लेकिन यह भी बड़ी बात है कि हर किसी को 10,000 रुपये नहीं मिले फिर भी इतने अधिक वोट कैसे मिले? उन्होंने मुस्लिमों पर कहा कि वो पैसे लेकर भी हमें वोट नहीं देंगे। सीएम ने कहा, “अभी में एक लाख रुपये दे दूं तो भी असम में एक बड़ा वर्ग मुड़झे वोट नहीं देगा। हमारे मिषां मुसलमान लोग को अगर में एक लाख भी हूं और वह मुझे कहें कि सीएम साहब बहुत अच्छे हैं, फिर भी वो हमें वोट नहीं देंगे।”
बोट केवल विचारधारा के आधार पर
सरमा ने इससे आगे एक वाकया बताते हुए कहा कि हमने जिन मुस्लिमों की मदद की है, उनके मुताबिक वो हमें जरूरत पड़ने पर किडने दे सकते हैं लेकिन वोट नहीं दे सकते। उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति ने मुझे बताया कि आपने इतनी मदद की है कि जरूरत पड़े तो किडनी भी दे दूंगा, लेकिन आपको वोट नहीं दूंगा।” उन्होंने कहा कि वोट केवल विचारधारा के आधार पर दिया जाता है। यह पैसे या कोई स्कीम के आधार पर नहीं पढ़ता। अगर ऐसा होता तो तेजस्वी यादव को ज्यादा सीटें मिलतीं।

