Health: मानसून के दौरान डेंगू, मलेरिया के साथ-साथ दस्त, गैस्ट्रोएन्टेराइटिस, फूड पॉइजनिंग, और फंगल संक्रमण जैसी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। इनमें से किसी भी बीमारी के बारे में लापरवाही और इलाज में देरी समस्या को गंभीर बना सकती है। इसलिए इस मौसम में भोजन से लेकर व्यायाम तक कई चीजों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।
बारिश का मौसम गर्मी से राहत और आराम लाता है। यह समय होता है गरमा-गरम चाय और पकौड़ों का आनंद लेने का और लंबी ड्राइव पर जाने का, लेकिन यह मौसम कई खुशियाँ के साथ कई समस्याएँ भी लाता है। सड़कों और घरों में पानी जमा होने के कारण मच्छरों का प्रजनन शुरू हो जाता है और डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ठंड और फ्लू के साथ-साथ पेट संबंधी बीमारियाँ सबसे ज्यादा देखी जाती हैं। ऐसे मौसम में स्वास्थ्य की अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। साउथ दिल्ली के कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स, डॉ. अरुण वाधवा कहते हैं, “मानसून के मौसम में हम आमतौर पर बुखार, गले में खराश, पेट में ऐंठन या अन्य समस्याओं से संबंधित विभिन्न लक्षणों में 60% की वृद्धि देखते हैं। इस समय के दौरान ये समस्याएँ बहुत आम होती हैं और इन बीमारियों से बचने के लिए निवारक उपाय और समय पर पहचान महत्वपूर्ण है।”
इस मौसम में होने वाली 5 आम बीमारियाँ
- सर्दी और फ्लू
तापमान में अचानक परिवर्तन और बढ़ी हुई नमी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है और ऐसे में वायरल संक्रमण आसानी से फैलते हैं। आम लक्षणों में खांसी या गले में खराश, बुखार, जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, मितली और दस्त शामिल हैं। हालांकि फ्लू के लक्षण सामान्य सर्दी के समान हो सकते हैं, लेकिन इसका प्रभाव सामान्य सर्दी से अधिक गंभीर होता है। इसलिए इसे जल्दी पहचानना महत्वपूर्ण है।
- फंगल संक्रमण
फंगल संक्रमण आमतौर पर नम और गीले वातावरण के कारण होता है। इससे एथलीट फुट, रिंगवर्म और यीस्ट संक्रमण जैसे संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। इसके सामान्य लक्षणों में खुजली, लाली और सूजन शामिल हैं।
- पेट संबंधी बीमारियाँ
गंदा पानी पीने और बाहर का खाना खाने से दस्त, गैस्ट्रोएन्टेराइटिस और फूड पॉइजनिंग जैसी पेट संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। इससे पेट दर्द, ऐंठन, मितली जैसे लक्षण देखे जाते हैं।
- मलेरिया और डेंगू
मानसून के दौरान कई जगहों पर जलभराव मच्छरों के प्रजनन के लिए एक आदर्श वातावरण प्रदान करता है। जो डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। मलेरिया के मुख्य लक्षणों में बुखार, ठंड लगना और पसीना आना शामिल हैं। वहीं, डेंगू के मामले में उच्च बुखार, सिरदर्द, आँखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द और चकत्ते जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।
एबॉट इंडिया के मेडिकल अफेयर्स डायरेक्टर, डॉ. जेजो करण कुमार कहते हैं, “बरसात का मौसम कुछ प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है। लोगों को इन बीमारियों के खतरों और रोकथाम के बारे में सही जानकारी होना महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह जानना भी जरूरी है कि वे अपनी सेहत की उचित देखभाल कैसे कर सकते हैं। बीमारी की समय पर पहचान और डॉक्टर की सलाह पर उपचार से इम्यूनिटी मजबूत होगी और आप मानसून का पूरा आनंद ले सकेंगे।”
मानसून में स्वस्थ रहने के टिप्स
- सफाई का पूरा ध्यान रखें
अपने आसपास सफाई रखें। घर में कहीं भी पानी जमा न होने दें, साथ ही मच्छररोधी क्रीम लगाएँ। खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धोएँ। हवादार कपड़े पहनें और अपने नाखून छोटे और साफ रखें।
- संतुलित आहार लें
अच्छे स्वास्थ्य और इम्यूनिटी के लिए पोषक आहार लें। स्ट्रीट, जंक, प्रोसेस्ड फूड्स बहुत अच्छे लगते हैं, लेकिन वे स्वास्थ्य को कोई लाभ नहीं पहुँचाते। इनके बजाय ताजा घर का बना खाना खाएँ। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। बेहतर होगा कि उबला हुआ पानी पिएं। विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाएँ, जो संक्रमण से बचाते हैं।
- सक्रिय रहें
ऐसे मौसम में मसालेदार खाना खाने का मन करता है, लेकिन बारिश के कारण वर्कआउट नहीं कर पाते। इससे शरीर सुस्त हो सकता है और मोटापे का खतरा हो सकता है। अगर जिम जाकर वर्कआउट करना संभव नहीं है, तो घर पर ही योगा या कार्डियो करें। इससे शरीर फिट रहेगा और इम्यून सिस्टम मजबूत होगा।
- टीकाकरण कराएँ
फ्लू जैसी बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण एक प्रभावी तरीका है। बारिश का मौसम शुरू होने से पहले फ्लू का टीका लगवाना आपको इन बीमारियों से सुरक्षित रखेगा। टीकाकरण के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।