Myth vs Fact: गलत जीवनशैली, तनाव और खराब खानपान के कारण दिल से संबंधित बीमारियाँ बढ़ रही हैं। आजकल युवा उम्र में भी अचानक दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं बढ़ रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि रात को सोने से पहले पानी पीने से इस जोखिम को टाला जा सकता है।
Myth: क्या रात को सोने से पहले पानी पीने से दिल का दौरा रुकता है?
Fact: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, पानी पीना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है और शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है। हालांकि, रात को सोने से पहले पानी पीने से दिल का दौरा होने का जोखिम कम होने का कोई सबूत नहीं है। यह एक गलतफहमी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि मधुमेह, किडनी, माइग्रेन और दिल की बीमारियों वाले लोगों को रात को सोने से पहले ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।
इन लोगों के लिए रात में पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। पानी पीने से बार-बार पेशाब जाने की समस्या हो सकती है, जिससे नींद में विघ्न पड़ता है। नींद की कमी से उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना और वजन बढ़ना जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
Myth: क्या युवा महिलाएँ दिल की बीमारियों से प्रभावित नहीं होतीं?
Fact: यह सबसे बड़ा Myth है कि युवा महिलाएँ दिल की बीमारियों से बची रहती हैं। आजकल कई युवा महिलाएँ भी दिल का दौरा और अन्य दिल की बीमारियों का शिकार हो रही हैं। बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतें इस बीमारी के खतरे को बढ़ा रही हैं।
Myth: क्या एस्पिरिन की गोलियाँ दिल के दौरे को रोक सकती हैं?
Fact: डॉक्टरों के अनुसार, एस्पिरिन की गोलियाँ दिल के दौरे के जोखिम को कम करने में कोई सच्चाई नहीं है। इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के एस्पिरिन लेना शरीर में आंतरिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ा सकता है। दिल के दौरे को रोकने के लिए एस्पिरिन की गोलियाँ लेना बहुत खतरनाक हो सकता है। इसे टालना चाहिए।