Delhi News: दिल्ली के आलापुर क्षेत्र में 2013 में हुई मुठभेड़ के मामले में अब आलापुर पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है। इस केस में उस समय की क्राइम ब्रांच की 13 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है। मृतक राकेश के परिवार ने क्राइम ब्रांच पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया था और मामले की जांच के लिए अदालत में याचिका दायर की थी।
मुठभेड़ की घटना और परिवार का आरोप
मार्च 2013 में, क्राइम ब्रांच की टीम ने दिल्ली पुलिस की टॉप टेन लिस्ट में शामिल अपराधी मनोज मोर्खेड़ी और उसके साथियों को एक मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया। इस मुठभेड़ में मनोज मोर्खेड़ी के सहयोगी और राष्ट्रीय स्तर के पहलवान राकेश को गोली लगी, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। इसके बाद, राकेश के परिवार ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाते हुए अदालत में केस दायर किया और जांच की मांग की।
परिवार का दावा और अदालत का निर्णय
राकेश के परिवार ने अपने पक्ष में कहा कि कार की जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि गोलीबारी कार के चारों ओर से की गई थी। परिवार ने बताया कि मेडिकल बोर्ड के तीन डॉक्टरों द्वारा की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राकेश के शरीर पर छह घाव पाए गए, जिसमें एक गोली का घाव था और बाकी घाव लकड़ी या किसी अन्य हथियार से थे।
हालांकि, अदालत ने इस मामले को खारिज कर दिया। इसके बाद, परिवार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अपील की। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुठभेड़ में शामिल एक पुलिसकर्मी की मौत हो चुकी है, जबकि एक रिटायर हो चुका है। बाकी 11 पुलिसकर्मी दिल्ली पुलिस की विभिन्न इकाइयों में तैनात हैं।