Search
Close this search box.

Chittorgarh: सूरजकुंड में डूबे पर्यटक का शव 42 घंटे बाद निकाला गया, शव सुबह सतह पर तैरता हुआ मिला

Chittorgarh: सूरजकुंड में डूबे पर्यटक का शव 42 घंटे बाद निकाला गया, शव सुबह सतह पर तैरता हुआ मिला

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ किले के विश्व प्रसिद्ध सूरजकुंड में मंगलवार को एक पर्यटक की डूबने से मौत हो गई। इस घटना के बाद शव को निकालने के लिए 42 घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी, और बुधवार सुबह शव सतह पर तैरता हुआ मिला। यह घटना उस समय हुई जब बहादुर नाथ, जो मध्य प्रदेश के धार जिले का निवासी था, अपने परिवार के साथ रामदेवरा की यात्रा पर था और चित्तौड़गढ़ किले का दौरा करने आया था।

Chittorgarh: सूरजकुंड में डूबे पर्यटक का शव 42 घंटे बाद निकाला गया, शव सुबह सतह पर तैरता हुआ मिला

घटना का विवरण

मंगलवार दोपहर लगभग 12 बजे, बहादुर नाथ ने सूरजकुंड में स्नान करने के दौरान अचानक गहराई में कूद पड़ा। इसके परिणामस्वरूप वह डूबने लगा। घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुंच गई और घटना की जांच शुरू की। साथ ही, सिविल डिफेंस टीम को भी मौके पर बुलाया गया और खोज शुरू की गई। लेकिन दिन ढलने पर शव का पता नहीं चलने के कारण खोज अभियान को रोक दिया गया।

खोज अभियान की चुनौतियाँ

बुधवार सुबह से फिर से खोज अभियान शुरू किया गया, जो पूरे दिन चलता रहा। इस दौरान, एक नाव को भी बुलाया गया और उसकी मदद से खोज की गई। इसके अतिरिक्त, सिविल डिफेंस टीम ने गैस सिलेंडर की मदद से पानी के नीचे गहराई में जाकर शव की खोज की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। शाम ढलने पर, खोज अभियान को फिर से रोक दिया गया।

शव का सतह पर आना

गुरुवार सुबह को सूचना मिली कि मृतक का शव पानी की सतह पर तैर रहा है। शव स्वाभाविक रूप से सतह पर आ गया था। सूचना मिलते ही, दुर्ग चौक इंचार्ज ASI पवन दहिया और उनकी टीम मौके पर पहुंची। सिविल डिफेंस टीम को फिर से बुलाया गया और शव को निकाला गया। शव को जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखा गया है, जहां उसका पोस्टमॉर्टम किया जाएगा।

पुलिस कार्रवाई

कोतवाली पुलिस स्टेशन ने इस मामले में एक मामला दर्ज किया है और मामले की आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस और संबंधित विभाग इस घटना की विस्तृत जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

सामाजिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण

यह घटना दर्शाती है कि पर्यटकों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय और निगरानी की आवश्यकता है। सूरजकुंड जैसे प्रसिद्ध स्थलों पर उचित सुरक्षा प्रबंध और आपातकालीन प्रबंधन व्यवस्था का होना अनिवार्य है ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भी ऐसे स्थानों पर नियमित रूप से निरीक्षण और सुरक्षा उपायों को लागू करना चाहिए।

निष्कर्ष

चित्तौड़गढ़ के सूरजकुंड में डूबे पर्यटक का शव 42 घंटे बाद सतह पर मिलना एक महत्वपूर्ण घटना है, जो पर्यटकों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की आवश्यकता को उजागर करती है। इस घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों को पर्यटकों की सुरक्षा के लिए और अधिक सतर्कता और उपायों को लागू करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।

SatishRana
Author: SatishRana

Leave a Comment

और पढ़ें

  • Buzz4 Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool