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Udaipur: आदिवासी समाज का जोरदार विरोध, हम हिंदू हैं, हम नहीं कटेंगे और ना ही बंटेंगे; मदन राठौर ने जनजाति गौरव कार्यशाला में लिया भाग

Udaipur: आदिवासी समाज का जोरदार विरोध, हम हिंदू हैं, हम नहीं कटेंगे और ना ही बंटेंगे; मदन राठौर ने जनजाति गौरव कार्यशाला में लिया भाग

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Udaipur: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर ने एक दिन की यात्रा पर उदयपुर पहुंचकर कार्यकर्ताओं में उत्साह, ऊर्जा और नई संचार विधियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने भाजपा अधिकारियों के साथ सदस्यता अभियान की समीक्षा बैठक की और भगवान बिरसा मुंडा जनजाति गौरव कार्यशाला में विशाल जनसमूह को संबोधित किया।

Udaipur: आदिवासी समाज का जोरदार विरोध, हम हिंदू हैं, हम नहीं कटेंगे और ना ही बंटेंगे; मदन राठौर ने जनजाति गौरव कार्यशाला में लिया भाग

सदस्यता अभियान की समीक्षा

सुखाडिया विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में सदस्यता अभियान की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए, राठौर ने कहा कि भाजपा के सभी अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सदस्यता अभियान में सक्रिय भूमिका निभानी होगी और अभियान की जानकारी देकर सदस्यता दिलानी होगी। राठौर ने कहा कि वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता, नेता और अधिकारी विभिन्न सामाजिक संगठनों से संपर्क करें और भाजपा के विचारधारा वाले लोगों को सदस्यता लेने के लिए प्रेरित करें। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के जन कल्याणकारी कार्यों के बारे में आम जनता को भी जागरूक करें।

आदिवासी समाज का विरोध

रविवार को सुखाडिया विश्वविद्यालय के विवेकानंद ऑडिटोरियम में आयोजित बिरसा मुंडा जनजाति गौरव कार्यशाला के माध्यम से आदिवासी समाज ने अपनी संस्कृति और अधिकारों पर हमले के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंका। इस कार्यशाला में मेवाड़-वागड़ क्षेत्र के आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ बौद्धिकों, साधुओं, सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारियों, कर्मचारियों, युवाओं, छात्रों और महिलाओं की प्रभावशाली उपस्थिति रही।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन राठौर ने कहा कि क्षेत्र में उठ रहे असामाजिक तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है। यदि आज आप चुप रहेंगे, तो इसका प्रभाव आपके घरों तक भी पहुंचेगा। छोटे-छोटे घटनाओं को समझें। कार्यशाला में सभी ने एक स्वर में कहा कि हम हिंदू हैं, हम नहीं कटेंगे और विभाजित होंगे।

ऐतिहासिक दृष्टिकोण

राठौर ने कार्यशाला के दौरान कहा कि जब ब्रिटिश और मुग़ल आक्रमणकारियों ने भारत के किसी राज्य पर हमला किया, तो उस समय आसपास के अन्य राजा लापरवाह रहे। इसके परिणामस्वरूप, उनके राज्य भी धीरे-धीरे हमला कर लिए गए और वे भी पराधीन हो गए। अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए, आदिवासी समाज को भी उन राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को एक सशक्त जवाब देना होगा जो ब्रिटिश की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को अपनाते हैं।

कार्यक्रम में अन्य वक्ता

पूर्व सांसद मन्नलाल रावत और पूर्व सांसद महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। राज्य के जनजाति मंत्री बाबूलाल खरारी ने लापरवाही और दुर्घटनाओं पर बोलते हुए कहा कि ब्रिटिश नीति का क्षेत्र में यह था कि आप यहां मरे या वहां, केवल भारतीयों की ही मौत होनी चाहिए। वही नीति आगे बढ़ाने वाली पार्टी के नेता भी आदिवासियों को मार रहे हैं।

व्यक्तिगत मिलन

प्रदेश अध्यक्ष राठौर ने लंबे समय से बीमार पूर्व सांसद अर्जुनलाल मीना से मिलकर उनकी तबियत पूछी। इसके बाद, उन्होंने पूर्व अध्यक्ष युधिष्ठिर कुमावत के आवास पर जाकर कुमावत की पत्नी सुंदर देवी के आकस्मिक निधन पर शोक प्रकट किया। राठौर ने सुखाडिया विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष पंकज बोराना के पिता और वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता राजेंद्र बोराना के निधन पर भी शोक प्रकट किया और परिवार को सांत्वना दी।

निष्कर्ष

मदान राठौर की यात्रा और जनजाति गौरव कार्यशाला ने आदिवासी समाज को एकजुट और सशक्त बनाने का संदेश दिया है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भाजपा के कार्यकर्ता और नेता समाज के विभिन्न हिस्सों में जन जागरूकता फैलाएं और आदिवासी संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट रहें। इसके साथ ही, उन्होंने आदिवासी समाज को उनके इतिहास और संस्कृति के प्रति सजग रहने की सलाह दी और राजनीतिक दलों की विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा दी।

SatishRana
Author: SatishRana

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