दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने एक बार फिर जनता के बीच आकर अपनी बात रखी। जंतर मंतर से उन्होंने न सिर्फ BJP पर जमकर निशाना साधा बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत से भी पांच सवाल पूछे। Kejriwal ने अपने भाषण में कहा कि कैसे 2011 में अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था और जनता ने उन्हें सत्ता में लाकर एक ईमानदार सरकार बनाई। लेकिन अब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके खिलाफ साजिश रचकर उनकी ईमानदारी पर हमला किया है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच Kejriwal ने जनता से समर्थन की अपील की और आने वाले चुनावों को अपने लिए ‘लिटमस टेस्ट’ बताया।
अन्ना आंदोलन से शुरू हुई यात्रा
Arvind Kejriwal ने अपने भाषण की शुरुआत अन्ना आंदोलन की याद दिलाते हुए की। उन्होंने कहा, “4 अप्रैल 2011 को जंतर मंतर से अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था। यह आंदोलन दो साल तक अलग-अलग जगहों पर चला। उस समय की सरकार ने हमारी एक नहीं सुनी और हमें चुनौती दी कि अगर चुनाव जीत सकते हो, तो लड़ो और जीतकर दिखाओ। हमारे पास ना पैसा था, ना लोग, ना गुंडे, फिर भी हमने चुनाव लड़ा और जनता ने हमें जीत दिलाई। हमनें देश को दिखाया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा और जीता जा सकता है।”
मोदी जी पर साजिश का आरोप
Kejriwal ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “मोदी जी ने हमारी ईमानदारी पर हमला करने के लिए साजिश रची। उन्होंने हमें बेईमान साबित करने की कोशिश की और हमारे सभी नेताओं को एक-एक करके जेल में डाल दिया। हम पिछले 10 सालों से दिल्ली में ईमानदारी से सरकार चला रहे थे। हमने ऐसी सुविधाएं दीं, जिनकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन मोदी जी ने हमारी ईमानदारी को निशाना बनाते हुए हमें बदनाम करने की कोशिश की।”
पांच सवाल मोहन भागवत से
Kejriwal ने अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे और इन सवालों के माध्यम से उन्होंने BJP और संघ की नीतियों पर सवाल उठाया।
- पहला सवाल: “मोदी जी पूरे देश में दूसरे दलों के नेताओं को ईडी-सीबीआई का डर दिखाकर अपनी पार्टी में शामिल कर रहे हैं। क्या यह सही है? क्या आपको नहीं लगता कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए हानिकारक है?”
- दूसरा सवाल: “मोदी जी ने जिन नेताओं को खुद भ्रष्ट बताया था, उन्हें ही अपनी पार्टी में शामिल किया। क्या मोहन भागवत जी ने ऐसी BJP की कल्पना की थी?”
- तीसरा सवाल: “कहा जाता है कि BJP का जन्म आरएसएस की गोद से हुआ है। यह संघ की जिम्मेदारी है कि BJP को सही राह पर रखे। क्या मोहन भागवत जी ने मोदी जी को कभी रोका?”
- चौथा सवाल: “जेपी नड्डा जी ने कहा था कि BJP को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस BJP की मां की तरह है। तो क्या अब बेटा इतना बड़ा हो गया कि वह मां को आंखें दिखा रहा है? जब नड्डा जी ने यह कहा तो मोहन भागवत जी को दुख नहीं हुआ?”
- पांचवा सवाल: “आरएसएस ने एक नियम बनाया था कि 75 साल की उम्र के बाद कोई पदाधिकारी नहीं रहेगा। लेकिन अब अमित शाह जी कह रहे हैं कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा। तो मैं मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं, क्या यह नियम सिर्फ अडवाणी जी के लिए था और मोदी जी के लिए नहीं?”
BJP पर कड़ा हमला
BJP पर हमला बोलते हुए Kejriwal ने कहा कि “मोदी जी ने हमारे खिलाफ सबसे गंभीर केस दर्ज कराए, लेकिन सभी केस फर्जी साबित हुए। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी नेताओं को जमानत दी। मैं तब तक सत्ता में वापस नहीं आऊंगा जब तक अदालत से पूरी तरह से बरी नहीं हो जाता, लेकिन वकीलों का कहना है कि यह मामला 8-10 साल चलेगा। इसलिए मैं जनता के बीच आया हूं।”
Kejriwal ने आगे कहा, “अगर मैं बेईमान होता तो क्या मैंने दिल्ली में बिजली मुफ्त की होती, क्या महिलाओं के लिए मुफ्त सफर की व्यवस्था की होती, क्या बच्चों के लिए स्कूल बनवाए होते, क्या आपके इलाज की सुविधा मुफ्त की होती? BJP के पास 22 राज्यों में सरकारें हैं, लेकिन कहीं भी बिजली मुफ्त नहीं है, महिलाओं के लिए किराया मुफ्त नहीं है। तो अब आप बताइए कि चोर कौन है?”
चुनाव का ‘लिटमस टेस्ट’
अपने भाषण के अंत में Arvind Kejriwal ने कहा, “आने वाला चुनाव मेरे लिए लिटमस टेस्ट है। अगर आपको लगता है कि Kejriwal ईमानदार है, तो वोट दीजिए। अगर आपको लगता है कि Kejriwal बेईमान है, तो बिल्कुल वोट मत दीजिए। झाड़ू का बटन तभी दबाइए जब आपको विश्वास हो कि Kejriwal ईमानदार है।”