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Haryana: सीएम सैनी ने कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया

Haryana: सीएम सैनी ने कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया

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Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस के अंदरूनी मतभेदों पर तंज कसते हुए सिरसा से सांसद कुमारी सेलजा के चुनावी अभियान में न दिखने की खबरों को लेकर सवाल उठाए। सीएम सैनी ने कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि अगर कुमारी सेलजा मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं, तो उन्होंने कौन सा अपराध किया है?

Haryana: सीएम सैनी ने कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया

‘अगर वह मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं, तो इसमें क्या अपराध है?’

कुमारी सेलजा के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस ने कुमारी सेलजा का अपमान किया है। कांग्रेस पार्टी दलित विरोधी है। अगर कोई दलित नेता कांग्रेस में आगे बढ़ना चाहता है, तो कांग्रेस उस नेता को दबा देती है। उन्होंने कहा कि कुमारी सेलजा कोई छोटे नेता नहीं हैं, वह कांग्रेस की एक बहुत बड़ी नेता हैं। अगर वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखती हैं, तो इसमें उन्होंने कौन सा अपराध किया?

सीएम सैनी ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी परिवारवाद में उलझी हुई है और वे लोग परिवारवाद से आगे नहीं सोच सकते। उनके मुताबिक, कांग्रेस पार्टी में न तो दलित नेताओं को उचित सम्मान मिलता है और न ही उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने बार-बार दलित नेताओं का अपमान किया है और पार्टी को दलित विरोधी मानसिकता से बाहर निकलने की जरूरत है।

कांग्रेस का पलटवार: ‘सेलजा पूरी तरह से कांग्रेस के साथ हैं’

वहीं, कांग्रेस की ओर से उन अटकलों को खारिज किया गया जिनमें कहा जा रहा था कि कुमारी सेलजा कांग्रेस छोड़ सकती हैं। उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह ने इस बात को साफ करते हुए कहा कि कुमारी सेलजा कांग्रेस की बहुत वरिष्ठ नेता हैं और उनके पार्टी छोड़ने की कोई संभावना नहीं है।

बृजेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा हरियाणा चुनाव में निराशा का सामना कर रही है और इसलिए ऐसे निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुमारी सेलजा कांग्रेस के लिए इस चुनाव में पूरी तरह से योगदान देंगी और भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे झूठ का जवाब देंगी। भाजपा झूठ की दुकान है और उनकी राजनीति केवल झूठ और प्रोपेगेंडा पर आधारित है।”

मनोहर लाल का कुमारी सेलजा और सुरजेवाला पर बयान

कुमारी सेलजा, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं, को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है। हालांकि, जब कांग्रेस ने हरियाणा के लिए सात गारंटी जारी कीं, तब कुमारी सेलजा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में उपस्थित नहीं थीं, जिससे उनके कांग्रेस से अलग होने की अटकलें तेज हो गईं।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता मनोहर लाल ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की। जब उनसे पूछा गया कि क्या कुमारी सेलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे वरिष्ठ नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि यह संभावनाओं की दुनिया है और किसी भी संभावना को नकारा नहीं जा सकता। मनोहर लाल ने कहा, “जब सही समय आएगा, तब सबको सारी जानकारी मिल जाएगी।”

कांग्रेस में परिवारवाद और दलित नेतृत्व पर विवाद

हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस पार्टी के भीतर दलित नेताओं की उपेक्षा और परिवारवाद का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में रहा है। कुमारी सेलजा जैसी वरिष्ठ नेता, जो लंबे समय से कांग्रेस में सक्रिय हैं, पार्टी के भीतर दलित नेतृत्व के संघर्ष का प्रतीक बन गई हैं। कांग्रेस पर अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि वह केवल परिवारवादी नेताओं को आगे बढ़ाती है और दलित नेताओं को उचित स्थान नहीं देती।

सीएम सैनी ने इसी मुद्दे को भुनाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से दलित नेताओं को पीछे धकेलती आई है। उन्होंने कुमारी सेलजा के मुख्यमंत्री बनने की इच्छा को जायज ठहराते हुए कहा कि अगर एक दलित नेता पार्टी में इतनी ऊंचाई तक पहुंचने की इच्छा रखता है, तो उसमें गलत क्या है? उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी केवल परिवारवाद पर आधारित है और दलित नेताओं को हमेशा दरकिनार कर दिया जाता है।

हरियाणा चुनाव और दलित वोट बैंक

हरियाणा के चुनावों में दलित वोट बैंक का बड़ा महत्व है और यही वजह है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां दलित नेताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही हैं। भाजपा ने हाल ही में कई दलित नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर कांग्रेस पर हमला बोला है।

कुमारी सेलजा, जो सिरसा से सांसद हैं और एक वरिष्ठ दलित नेता हैं, हरियाणा के दलित वोट बैंक पर बड़ा प्रभाव रखती हैं। भाजपा की कोशिश है कि कांग्रेस के अंदर चल रहे मतभेदों और परिवारवाद के आरोपों का फायदा उठाकर दलित वोटरों को अपनी ओर आकर्षित किया जाए।

कांग्रेस की दलित विरोधी छवि और चुनौतियां

कांग्रेस पर दलित विरोधी होने के आरोप नए नहीं हैं। पार्टी के भीतर कई बार दलित नेताओं को उचित स्थान न मिलने की शिकायतें सामने आई हैं। पार्टी के बड़े नेता और रणनीतिकारों को इस बात का अहसास है कि अगर उन्होंने इस मुद्दे को सही ढंग से नहीं सुलझाया, तो पार्टी को आगामी चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

भाजपा ने कुमारी सेलजा के मुद्दे को उठाकर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। भाजपा की रणनीति साफ है – वह कांग्रेस के दलित विरोधी छवि को और मजबूत करना चाहती है ताकि दलित मतदाता कांग्रेस से दूर होकर भाजपा के पक्ष में आ जाएं।

SatishRana
Author: SatishRana

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