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Online Scam: फार्मिंग स्कैम क्या है और यह कैसे काम करता है? इसे रोकने के लिए अपनाएं ये उपाय

Online Scam: फार्मिंग स्कैम क्या है और यह कैसे काम करता है? इसे रोकने के लिए अपनाएं ये उपाय

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Online Scam: देश में बढ़ती साइबर खतरों के बीच एक नया साइबर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। बहुत कम लोग फार्मिंग स्कैम के बारे में जानते हैं, जिसके कारण कई लोग इसके शिकार हो रहे हैं। फार्मिंग एक प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी है, जिसमें मैलवेयर-प्रभावित कोड एक वेबसाइट या नेटवर्क सर्वर में स्थापित किया जाता है। अक्सर ऐसे वेबसाइटों का उपयोग फर्जी और धोखाधड़ी के लिए किया जाता है, और उपयोगकर्ताओं को बिना उनकी सहमति के ऐसे वेबसाइटों पर ले जाया जाता है।

फार्मिंग स्कैम क्यों है खतरनाक

फार्मिंग स्कैम का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसमें उपयोगकर्ताओं को किसी लिंक पर क्लिक करने की आवश्यकता नहीं होती। धोखेबाज ऐसी वेबसाइटों को इस तरह से डिजाइन करते हैं कि वे असली वेबसाइट जैसी दिखें। इस धोखे में, उपयोगकर्ता अपनी लॉगिन जानकारी वहां भर देते हैं, जिससे धोखेबाजों को लोगों की व्यक्तिगत जानकारी मिल जाती है।

फार्मिंग स्कैम कैसे काम करता है?

फार्मिंग स्कैम में, हैकर्स DNS या डोमेन नेम सिस्टम को लक्षित करते हैं और वेबसाइट के पते को अनुवादित करते हैं। इससे उपयोगकर्ता सही वेबसाइट पर पहुंचने के बजाय एक फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं।

कई बार, फार्मिंग स्कैम में हैकर्स वेबसाइट के भीतर संदिग्ध कोड भेजते हैं। इसके बाद, कई बार CMS (कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम) भी प्रभावित हो जाता है। हैकर्स वेबसाइट की सुरक्षा को तोड़ते हैं और उसे फ़िशिंग के जरिए हमला करते हैं।

Online Scam: फार्मिंग स्कैम क्या है और यह कैसे काम करता है? इसे रोकने के लिए अपनाएं ये उपाय

फार्मिंग स्कैम से सुरक्षित रहने के उपाय

फार्मिंग स्कैम में, धोखेबाज अक्सर वेबसाइट के साथ छेड़छाड़ करते हैं। ऐसी स्थिति में, किसी भी वेबसाइट पर लॉगिन करने से पहले उसे सही ढंग से सत्यापित करें।

  • एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: हमेशा अपने डिवाइस में एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें। यह आपके डिवाइस को मैलवेयर और अन्य खतरों से सुरक्षित रखने में मदद करेगा।
  • सुरक्षित ब्राउज़र का उपयोग करें: हमेशा एक सुरक्षित ब्राउज़र का उपयोग करें। ब्राउज़र की सेटिंग्स को सही ढंग से कॉन्फ़िगर करें ताकि वे सुरक्षा और गोपनीयता को सुनिश्चित कर सकें।
  • संदिग्ध ईमेल से सावधान रहें: यदि कोई अज्ञात व्यक्ति आपको ईमेल भेजता है और उसे खोलने के लिए दबाव डालता है, तो यह एक फ़िशिंग ईमेल हो सकता है। ऐसे ईमेल में एक संदिग्ध लिंक हो सकता है, जिस पर गलती से भी क्लिक न करें।
  • VPN का उपयोग करें: हैकरों के हमलों से बचने के लिए आप VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का उपयोग कर सकते हैं। इससे आपका इंटरनेट सर्वर सुरक्षित हो सकता है और आपका IP पता और गोपनीयता भी सुरक्षित रहेगी।
  • पब्लिक WiFi का उपयोग न करें: ऐसे धोखाधड़ी से बचने के लिए पब्लिक WiFi का उपयोग न करें। पब्लिक WiFi का उपयोग करते समय कभी भी बैंकिंग या सुरक्षा से संबंधित काम न करें, वरना यह आपके लिए खतरा बन सकता है।
  • URL की जाँच करें: किसी भी वेबसाइट पर लॉगिन करने से पहले URL को ध्यान से देखें। सुनिश्चित करें कि URL सही है और HTTPS से शुरू होता है।
  • दो-चरणीय प्रमाणीकरण का उपयोग करें: यदि संभव हो तो दो-चरणीय प्रमाणीकरण का उपयोग करें। इससे आपकी लॉगिन प्रक्रिया अधिक सुरक्षित हो जाती है।
  • अपडेटेड रहें: अपने डिवाइस और सॉफ़्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें। नए अपडेट में सुरक्षा पैच होते हैं जो आपको नवीनतम खतरों से बचाते हैं।
SatishRana
Author: SatishRana

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