Rajasthan: झूंझुनू जिले में तेंदुए की मौजूदगी ने स्थानीय लोगों में खौफ पैदा कर दिया है। रविवार को, जब एक तेंदुआ शहर की सड़कों पर दौड़ता हुआ देखा गया, तो इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी। यह तेंदुआ गुड़गौरजी के पहाड़ी क्षेत्र से शहर में दाखिल हुआ था, और इसका वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। इस घटना के बाद, लोगों ने वन विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
घटना का विवरण
रविवार की दोपहर को, तेंदुआ झूंझुनू की राज्य राजमार्ग पर हुकुमपुरा रोड पर दौड़ता हुआ देखा गया। तेंदुआ अचानक सड़क पर आ गया, जिससे ड्राइवरों में हड़कंप मच गया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। घटना के तुरंत बाद, पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की, लेकिन वन विभाग की टीम की कोई सक्रियता नहीं दिखी।
स्थानीय लोगों के अनुसार, तेंदुआ स्कूल के पास स्थित खेत में छिपा हुआ है। उन्होंने बताया कि आबादी में आने के बाद तेंदुआ भी घबराया हुआ है और इधर-उधर तेजी से दौड़ रहा है। तेंदुए की गतिविधियों की सूचना मिलने पर गुड़गौरजी पुलिस ने भी मौके पर जाकर सीसीटीवी फुटेज की जांच की। स्थानीय निवासी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जब तक तेंदुए को नहीं पकड़ लिया जाता, तब तक उनका डर बना रहेगा।
वन विभाग की निष्क्रियता
तेंदुए की इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने वन विभाग के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। आरोप है कि वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने घटना की सूचना मिलने के कई घंटों बाद पहुंचकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देना भी उचित नहीं समझा, जिससे लोगों में असंतोष बढ़ गया है।
लोगों का मानना है कि तेंदुए की स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में, स्थानीय निवासियों ने वन विभाग से तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की है ताकि उनके जीवन को सुरक्षित किया जा सके।
लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों की चिंता इस बात को लेकर है कि तेंदुआ शहरी क्षेत्र में घूम रहा है, जिससे कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। कई निवासियों ने कहा है कि यदि तेंदुआ किसी बच्चे या छोटे जानवर पर हमला करता है, तो उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसलिए, उनकी मांग है कि वन विभाग तुरंत तेंदुए की तलाश शुरू करे और उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाए।
सुरक्षा उपायों की आवश्यकता
इस घटना ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या स्थानीय प्रशासन और वन विभाग वन्यजीवों की सुरक्षा और मानव-संबंधित समस्याओं के बीच संतुलन बनाने में सक्षम हैं। तेंदुए जैसे जानवरों की शहरी क्षेत्र में घुसपैठ और लोगों की सुरक्षा के लिए उचित उपायों की आवश्यकता है।