राजस्थान के CM Bhajanlal Sharma ने बुधवार को लगभग 21,000 बेघर घुमंतू, अर्द्ध-घुमंतू और विमुक्त जाति के परिवारों को आवासीय भूखंडों के पट्टे वितरित किए। यह कार्यक्रम ‘स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण और आवासीय पट्टा वितरण कार्यक्रम’ के तहत राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान, दुर्गापुरा में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इन समुदायों के साथ संवाद भी किया और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सरकार उनके विकास और अधिकारों के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों को जमीन का हक
मुख्यमंत्री ने कहा कि घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदाय राजस्थान की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं और इनका देश की आजादी में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज इन्हें अपनी भूमि का हक मिल रहा है, जो राज्य सरकार के प्रयासों का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मकसद है कि इन पिछड़े और वंचित वर्गों को समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जाए और उन्हें आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के शुरुआती 9 महीनों में समाज के हर वर्ग, चाहे वह किसान हों, मजदूर हों, युवा हों या महिलाएं, सभी के कल्याण के लिए काम किया है। यह भूमि वितरण का कार्यक्रम उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे ये परिवार अपना जीवन सम्मान के साथ जी सकें और भविष्य के लिए स्थायी निवास का आधार प्राप्त कर सकें।
खादी और स्वदेशी वस्त्रों की महत्ता
इससे पहले, मुख्यमंत्री Bhajanlal Sharma ने मंगलवार को राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के परिसर में आयोजित खादी प्रदर्शनी का दौरा किया। उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर खादी के महत्व पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि खादी केवल वस्त्र नहीं है, बल्कि यह देश की पहचान है और इसका उत्पादन पर्यावरण अनुकूल है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे खादी उत्पादों पर मिल रहे 50 प्रतिशत छूट का अधिक से अधिक लाभ उठाएं ताकि राज्य के कारीगरों और बुनकरों को इसका सीधा फायदा मिल सके। मुख्यमंत्री ने खुद भी खादी उत्पाद खरीदे और भुगतान UPI के माध्यम से किया, जिससे डिजिटल लेन-देन को भी बढ़ावा दिया।
राज्य सरकार की उपलब्धियां और योजनाएं
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री Bhajanlal Sharma ने कहा कि उनकी सरकार ने अब तक के कार्यकाल में ‘संकल्प पत्र’ के लगभग 50 प्रतिशत वादों को पूरा कर लिया है। उन्होंने किसानों के लिए ‘किसान सम्मान निधि’ में वृद्धि, गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में सुधार, जरूरतमंद परिवारों को 450 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी और आंगनवाड़ी तथा पंचायत कर्मियों के मानदेय में वृद्धि जैसी योजनाओं की चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हर वर्ग के कल्याण के लिए निर्णय लिए हैं। इसके अलावा, ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) जैसी महत्त्वाकांक्षी योजना को लागू करने की दिशा में भी पहल की जा रही है, जो प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
रोजगार सृजन और सरकारी नौकरियों का संकल्प
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार का संकल्प है कि वह 2027 तक राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी और किसानों को दिन में पर्याप्त बिजली प्रदान करेगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 60,000 चतुर्थ श्रेणी के पद खाली हैं, जिन्हें जल्द ही भरा जाएगा। पिछली सरकार ने इन पदों पर भर्ती नहीं की थी, लेकिन अब हमारी सरकार पारदर्शिता के साथ इन पदों पर नियुक्तियां करने जा रही है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 23,820 सफाई कर्मियों की भर्ती के लिए स्थानीय निकायों के माध्यम से अधिसूचना भी जारी की है। ये सभी निर्णय राज्य सरकार को इस वर्ष 1 लाख सरकारी नौकरियां देने और 5 वर्षों में 4 लाख नौकरियां देने के संकल्प को पूरा करने में मदद करेंगे।
कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राज्य मंत्री ओटाराम देवासी, जयपुर सांसद मंजू शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।