Delhi Air Pollution News: दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है, जिसे नियंत्रण में लाना न केवल सरकार के लिए, बल्कि नागरिकों के लिए भी आवश्यक हो गया है। इस दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाते हुए, दिल्ली सरकार ने आज राष्ट्रीय राजधानी में मुफ्त में पुआल गलाने का कार्य शुरू किया है। इस अभियान की शुरुआत पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने की, जिन्होंने कहा कि किसानों को पुआल गलाने के लिए मुफ्त बायो-डीकंपोजर्स उपलब्ध कराए जाएंगे। इस कदम का मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना है, जो विशेष रूप से सर्दियों के महीनों में अधिक बढ़ जाता है।
बायो-डीकंपोजर का महत्व
पुआल जलाने की प्रक्रिया से वायु में प्रदूषण की मात्रा में वृद्धि होती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। बायो-डीकंपोजर का उपयोग पुआल को प्राकृतिक रूप से गलाने के लिए किया जाता है, जिससे वातावरण में धुंआ और हानिकारक गैसों की मात्रा कम होती है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस पहल के अंतर्गत बताया कि दिल्ली सरकार ने 5000 एकड़ भूमि पर बायो-डीकंपोजर छिड़काव की मुफ्त व्यवस्था की है।
केंद्र सरकार से अपील
गोपाल राय ने केंद्रीय सरकार से अपील की है कि वे दिल्ली के पड़ोसी राज्यों के मंत्रियों की एक बैठक जल्द ही बुलाएं। इस बैठक में पुआल जलाने के विकल्पों पर चर्चा की जाएगी और प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही, पर्यावरण और कृषि मंत्री भी इस बैठक में शामिल होंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी राज्य एक साथ मिलकर वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएं।
ई-बसों की संख्या बढ़ाने पर जोर
दिल्ली सरकार की 20-पॉइंट शीतकालीन कार्य योजना के अंतर्गत, गोपाल राय ने बताया कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 2000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। इन ई-बसों का उपयोग करके नागरिकों को अधिक स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त परिवहन सुविधा दी जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य उन वाहनों की संख्या को कम करना है, जो प्रदूषण में योगदान करते हैं।
अक्टूबर 7 से एंटी-डस्ट कैंपेन
इसके अलावा, गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 7 अक्टूबर से एक एंटी-डस्ट कैंपेन भी शुरू किया जाएगा। इस कैंपेन का मुख्य उद्देश्य धूल कणों को नियंत्रित करना है, जो वायु प्रदूषण में योगदान करते हैं। इस दौरान, सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया जाएगा कि वे धूल को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक उपाय करें।
पड़ोसी राज्यों की जिम्मेदारी
गोपाल राय ने यह भी कहा कि बायो-डीकंपोजर का छिड़काव दिल्ली के अंदर किया जा रहा है, लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है जब पड़ोसी राज्यों में पुआल जलाया जाता है। इसीलिए, केंद्रीय सरकार को पड़ोसी राज्यों में भी पुआल गलाने की प्रक्रिया के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए। इससे न केवल दिल्ली, बल्कि सभी आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
किसानों के लिए अपील
गोपाल राय ने दिल्ली के किसानों से अपील की है कि वे इस मुफ्त बायो-डीकंपोजर की सुविधा का लाभ उठाएं और पुआल जलाने के बजाय उसे गलाने की प्रक्रिया अपनाएं। उन्होंने कहा कि यह न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह किसानों के लिए भी आर्थिक रूप से लाभकारी होगा।