Haryana Polls: हरियाणा विधानसभा चुनाव के संपन्न होने के बाद, अब सभी राजनीतिक पार्टियाँ और उम्मीदवार वोटिंग आंकड़ों में जीत के समीकरण की तलाश कर रहे हैं। सभी उम्मीदवार आंकड़ों की गणित को समझने के लिए एकत्रित हो रहे हैं और हार-जीत का अनुमान लगाने की कोशिश कर रहे हैं। सभी उम्मीदवार अपने समर्थकों और बूथ एजेंटों के साथ बैठकें शुरू कर चुके हैं। बीजेपी, कांग्रेस, INLD-BSP, JJP और आम आदमी पार्टी के साथ-साथ स्वतंत्र उम्मीदवार भी अपने बूथ एजेंटों से फीडबैक ले रहे हैं। दूसरी ओर, नेता भी एग्जिट पोल का आकलन कर रहे हैं। उम्मीदवार सही आंकड़ों की तैयारी में देर रात तक व्यस्त रहे।
वोटिंग प्रतिशत का आंकड़ा
इस समय तक, चुनाव आयोग ने जिला और विधानसभा स्तर पर वोटिंग प्रतिशत जारी कर दिया है। संभावना है कि बूथ स्तर पर वोटिंग प्रतिशत भी देर रात तक जारी किया जाएगा। बूथ वोट प्रतिशत मिलते ही, उम्मीदवार अपनी हार और जीत का सही अंदाजा लगा सकेंगे। सभी उम्मीदवार यह अच्छी तरह जानते हैं कि वे कहाँ मजबूत हैं और कहाँ कमजोर। इस बीच, शहरी और ग्रामीण प्रतिनिधियों से भी रिपोर्ट ली जा रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बदौली, कांग्रेस के उदयभान, AAP के डॉ. सुशील गुप्ता के साथ INLD के अभय सिंह चौटाला और JJP के अध्यक्ष डॉ. अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला ने भी कोर कमेटियों की बैठक बुलाई है।
युद्ध कक्ष में तैयार हो रहा डेटा
बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपने पार्टी मुख्यालयों में युद्ध कक्ष स्थापित किए हैं। तीनों पार्टियाँ अपने पर्यवेक्षकों और जिम्मेदारों से रिपोर्ट ले रही हैं। इसके अलावा, बूथ एजेंटों से लिए गए फीडबैक को भी यहां मांगा गया है। तीनों पार्टियों ने राजनीतिक विशेषज्ञों को रखा है और सभी सीटों पर जीत और हार के समीकरण बना रहे हैं।
पिछले चुनावों में एग्जिट पोल और चुनाव परिणामों का अंतर
अगर हम पिछले दो चुनावों के एग्जिट पोल को देखें, तो एक बार एग्जिट पोल सही साबित हुआ, जबकि दूसरी बार कई उलटफेर देखने को मिले। जून में हुए लोकसभा चुनावों में भी एग्जिट पोल पूरी तरह से चुनाव परिणामों के विपरीत साबित हुए। इसलिए लोग एग्जिट पोल पर अधिक विश्वास नहीं कर रहे हैं। आइए, पिछले दो एग्जिट पोल के आंकड़ों और चुनाव परिणामों पर एक नज़र डालते हैं।
2014 का एग्जिट पोल सटीक
2014 में 15 अक्टूबर को मतदान हुआ था। चार दिन बाद परिणाम घोषित किए गए थे। उस समय रिकॉर्ड 76.54 प्रतिशत मतदान हुआ। अधिकांश एग्जिट पोल ने बीजेपी के स्पष्ट विजय की भविष्यवाणी की थी। इंडिया टीवी – सीवोटर, एबीपी न्यूज़ – नील्सन, टाइम्स नाउ और न्यूज़ 24 – चाणक्य ने बीजेपी के लिए 37 से 52 सीटें का अनुमान लगाया था। उस समय, बीजेपी ने 47 सीटें जीती थीं।
2019 का एग्जिट पोल धराशाई
2019 के एग्जिट पोल पूरी तरह से विपरीत साबित हुए। उस समय, अधिकांश एग्जिट पोल ने राज्य में बीजेपी की सुनामी की भविष्यवाणी की थी। न्यूज़ 18 ने बीजेपी के लिए 75 सीटों का अनुमान लगाया, न्यूज़एक्स ने 75-80, रिपब्लिक टीवी ने 52-63, और टाइम्स नाउ ने 71 सीटें दी थीं। लेकिन जब परिणाम आए, तो सभी एग्जिट पोल धराशाई हो गए। बीजेपी एकतरफी बहुमत भी हासिल नहीं कर पाई। 47 सीटों से गिरकर यह 40 पर आ गई। हालाँकि, बीजेपी ने गठबंधन में सरकार बनाई।
नतीजों के बाद की रणनीतियाँ
हरियाणा के चुनाव नतीजों को लेकर सभी पार्टियों में खींचतान बढ़ गई है। हर पार्टी अपने-अपने वोट बैंक को समझने में जुटी हुई है। बूथ एजेंटों के फीडबैक के माध्यम से, पार्टियाँ अपनी रणनीतियाँ बना रही हैं कि किस प्रकार से चुनावी मैदान में अपनी स्थिति मजबूत की जाए। पार्टी के वरिष्ठ नेता और उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहे हैं, ताकि हर संभव प्रयास किया जा सके।
लोगों की आकांक्षाएँ और भविष्य की उम्मीदें
हरियाणा के लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी आकांक्षाओं का सही प्रतिनिधित्व होगा। सभी पार्टियाँ मतदाताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए नए और प्रभावशाली कार्यों का आश्वासन दे रही हैं। मतदाता यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि उनके हितों की रक्षा कौन करेगा और कौन उनके मुद्दों को सुलझाने के लिए सक्रिय रहेगा।