भारत में, कोडो मिलेट (Kodo Millet) (Paspalum scrobiculum) ज्यादातर दक्कन क्षेत्र में उगाया जाता है तथा इसकी खेती हिमालय की तलहटी तक फैली हुई है। कोडो मिलेट डाइटरी फाइबर एवं आयरन, एंटीऑक्सीडेंट जैसे खनिजों से भरपूर होता है। कोडो मिलेट में फास्फोरस की मात्रा किसी भी अन्य श्री अन्न (मिलेट्स) की तुलना में कम होती है और इसकी एंटीऑक्सीडेंट क्षमता किसी भी अन्य श्री अन्न (मिलेट्स) और प्रमुख अनाज की तुलना में बहुत अधिक होती है। एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के विरुद्ध मदद करती है और टाइप -2 मधुमेह में ग्लूकोज सांद्रता को बनाए रखती है। कोडो मिलेट अस्थमा, माइग्रेन, रक्तचाप, दिल का दौरा और एथेरोस्क्लेरोसिस, मधुमेह हृदय रोग और महिलाओं में पोस्टमेनोपॉज़ल के इलाज में उपयोगी होता है।
कोदो चावल यानी कोदो मिलेट, कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो सेहत के लिए बेहद लाभकारी है। इसमें उपस्थित पोषक तत्व न केवल शरीर के विभिन्न अंगों को संबल देते हैं, बल्कि कई रोगों से भी बचाते हैं। कोदो मिलेट के फ़ायदे निम्नलिखित हैं:
इसमें पाया जाने वाला फ़ाइबर, पाचन और अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा करता है, जिससे भोजन के बाद रक्त शर्करा में तेज़ी से वृद्धि नहीं होती है। इसके अलावा, फ़ेनोलिक एसिड की उपस्थिति, पैंक्रियाज़ में एमाइलेज़ को बढ़ाकर इंसुलिन उत्पादन को प्रोत्साहित करती है, जो मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स की मौजूदगी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होती है, जिससे खराब कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। ये एंटीऑक्सीडेंट्स, फ़्री रेडिकल्स को भी कम करते हैं, जो कोशिकाओं और ऊतकों को नुकसान पहुंचाने में सहायक होते हैं।
इसमें उपस्थित लेसीथिन कंपाउंड, नर्वस सिस्टम को बेहतर बनाता है, जिससे मूड को संतुलित रखने और तनाव को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, हार्ट डिज़ीज़ के खतरे को कम करने में भी इसके पोषक तत्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वज़न घटाने के लिए भी कोदो मिलेट का सेवन किया जा सकता है, क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में फ़ाइबर होता है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। यह एक ऐसा अनाज है जिसे लंबे समय तक सुरक्षित रूप से रखा जा सकता है, बिना इसके खराब होने की चिंता किए।