तेल अवीव. इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आखिरकार घटना के 55 दिनों के बाद स्वीकार कर ही लिया कि उन्होंने ही लेबनान में हुए पेजर हमलों को ‘मंजूरी’ दी थी, जिनमें लगभग 40 लोग मारे गए और ईरान के समर्थन वाले 3,000 हिज़बुल्लाह के सदस्य घायल हुए थे. नेतन्याहू के प्रवक्ता ओमेर दोस्तरी ने रविवार को समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, “नेतन्याहू ने कन्फर्म किया है कि उन्होंने लेबनान में पेजर ऑपरेशन को हरी झंडी दी थी.”
17 सितंबर को, हिज़बुल्लाह के गढ़ों में दो दिन तक लगातार हजारों पेजर फटे थे, जिसके लिए ईरान और हिज़बुल्लाह ने इज़रायल को इसका दोषी ठहराया था. पेजर हिज़बुल्लाह के सदस्यों द्वारा एक लो-टेक कम्युनिकेशन के रूप में इस्तेमाल किए जाते थे, ताकि इज़रायल उनकी जगहों को ट्रैक ना कर सके. इस पेजर अटैक ने पूरी दुनिया को सकते में ला दिया था. यहां तक कि अमेरिका तक को समझ नहीं आया कि यह हुआ कैसे?
इज़रायल द्वारा लेबनान में पेजर हमलों की मंजूरी देने की पुष्टि के कुछ घंटों बाद, उसने यह घोषणा की है कि वह अक्टूबर 7 को हमास के हमलों से शुरू हुए युद्ध के उद्देश्यों को और बढ़ाएगा, जिसमें हिज़बुल्लाह के खिलाफ अपनी लड़ाई को भी शामिल किया जाएगा. यह हमले इज़रायल के लेबनान सीमा पर हिज़बुल्लाह के ठिकानों को टारगेट कर किए गए थे. इस सप्ताह के शुरुआत में, लेबनान ने इस हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र श्रम एजेंसी (आईएलओ) में शिकायत दर्ज की थी, और इसे “मानवता के खिलाफ गंभीर युद्ध अपराध” करार दिया था.
उत्तरी लेबनान में हुए इजराइली हवाई हमले में 20 की मौत
इस बीच, लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि देश के उत्तरी हिस्से में हुए इजरायली हवाई हमले में 20 लोगों की मौत हो गई. मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह हमला बेरूत के उत्तर में स्थित अलमत गांव में हुआ. यह क्षेत्र देश के दक्षिण और पूर्व के उन इलाकों से काफी दूरी पर स्थित है, जहां चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह की मुख्य रूप से मौजूदगी है.