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Vijay Shah: अमित शाह से बात करना चाहते हैं विजय शाह, हाईकोर्ट ने कहा- बयान कैंसर जैसा; SC से भी राहत नहीं

विजय शाह ने कथित रूप से कर्नल कुरैशी को “आतंकियों की बहन” बताया था, जिस पर कोर्ट ने कहा कि यह बयान सशस्त्र बलों का अपमान है और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने वाला है। मंत्री शाह ने विवाद बढ़ने पर माफी मांगी और कहा कि उनका उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। वहीं भाजपा के अंदर भी इस बयान को लेकर असहजता है, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शाह की बर्खास्तगी की मांग की है।

महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री विजय शाह की विवादित टिप्पणी पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए इसे कैंसर जैसा घातक बताया। हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई करते हुए डीजीपी को विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री शाह ने गटरछाप भाषा का इस्तेमाल किया है, जो अस्वीकार्य है। इसके बाद बुधवार देर रात महू पुलिस ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। इसके बाद गुरुवार को विजय शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण पहुंचे और एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन यहां भी शाह को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप संवैधानिक पद हैं और आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप किसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।

अमित शाह से मुलाकात के बाद इस्तीफे पर फैसला
वहीं इससे पहले लगातार हो रही इस्तीफे की मांग पर विजय शाह बुरी तरह घिरे हुए हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों ही तरफ से उनकी कड़ी आलोचना हो रही है। एफआईआर दर्ज होने के बाद लगातार इस्तीफे के दबाव पर उन्होंने था कि कहा कि वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात करेंगे। इसके बाद वे इस्तीफा पर फैसला लेंगे।

 

गैरजमानती धारा में केस दर्ज
मानपुर पुलिस ने प्रकरण दर्ज करने में भी देरी लगाई। सात बजे से थाने में वरिेष्ठ अफसर बैठे हुए थे, लेकिन एफआईआर का ड्रॉफ्ट भोपाल से बनकर आया। इसके बाद रिपोर्ट लिखी गई। रिपोर्ट में कोर्ट की टिप्पणी का उल्लेख किया गया। देश की अखंडता को खतरे में डालने की धारा में मंत्री के खिलाफ दर्ज प्रकरण गैर जमानती है। इसमें सात साल की सजा भी संभव है। अन्य धारा में धर्म, जाति और भाषा के आधार पर वैमनस्य फैलाने का केस भी बना। गुरुवार को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई होगी। जिसमें पुलिस प्रकरण दर्ज होने की जानकारी रखेगी। प्रकरण दर्ज होने से पहले मंत्री ने एक वीडियो जारी कर फिर माफी मांगी है। कोर्ट में माफीनामा भी पेश किया जाएगा।

 

ये है मामला
प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह ने सोमवार को महू के आंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में आयोजित सार्वजनिक समारोह में भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। इस संबंध में समाचार पत्रों तथा डिजिटल मीडिया में प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेकर युगलपीठ मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में कर रहा था। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि सशस्त्र सेना देश में मौजूद आखिरी संस्था है, जो ईमानदारी, उद्योग, अनुशासन, त्याग, निःस्वार्थता, चरित्र, सम्मान और अदम्य साहस को दर्शाती है। देश का कोई भी नागरिक खुद उन्हें पहचान सकता है। मंत्री विजय शाह ने आमसभा में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ ‘गंदी भाषा’ का इस्तेमाल किया है। कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ, मीडिया और राष्ट्र को पाकिस्तान के खिलाफ हमारे सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की प्रगति के बारे में जानकारी देने वाले सशस्त्र बलों का चेहरा थीं।

सशस्त्र बलों के लिए अपमानजनक और खतरनाक है टिप्पणी
युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, जो किसी और के लिए नहीं बल्कि उनके लिए ही हो सकती है। उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को पहलगाम में 26 निर्दोष भारतीयों की हत्या करने वाले आतंकवादियों की बहन बताया है। अखबारों की रिपोर्ट और इंटरनेट पर उपलब्ध डिजिटल सामग्री में मंत्री के भाषण हैं। उनकी यह टिप्पणी संबंधित अधिकारी के लिए बल्कि सशस्त्र बलों के लिए भी अपमानजनक और खतरनाक है। मंत्री विजय शाह द्वारा दिए गए बयान प्रथम दृष्टया मुस्लिम धर्म के सदस्यों और अन्य व्यक्तियों के बीच वैमनस्य और दुश्मनी या घृणा या दुर्भावना पैदा करने की प्रवृत्ति है।

 

मंत्री का ये था बयान
दरअसल, मोहन सरकार के मंत्री विजय शाह ने मानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था। मानपुर में आयोजित हलमा कार्यक्रम में मंत्री शाह ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा, जिन आंतकियों ने पहलगाम में लोगों को मारा, उनके कपड़े उतरवाए, उन आंतकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा। मंत्री शाह ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हीं की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई। बयान को लेकर जब राजनीति गरमा गई तो उन्होंने कहा कि हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ने वाले वालों को हमने उन्हीं की भाषा में जवाब दिया है। उनके भाषण को अलग संदर्भ में नहीं देखना चाहिए। वो हमारी बहनें हैं। उन्होंने पूरी ताकत से सेना के साथ मिलकर काम किया है।

भाजपा के अंदर भी शाह के बयान से असहजता 
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विजय शाह की मंत्री पद से बर्खास्तगी और एफआईआर दोनों कार्रवाई तुरंत होनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने पूरे देशवासियों को लज्जित किया है। उधर, भाजपा के भीतर भी शाह के बयानों को लेकर असहजता है और उन्हें लेकर पार्टी की छवि बचाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। बता दें कि बुधवार सुबह इस पूरे विवाद पर राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीच प्रदेश भाजपा कार्यालय में बैठक हुई थी। बैठक में शाह के बयान को लेकर चर्चा की गई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली स्तर पर शीर्ष नेतृत्व को पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट भेज दी गई है।

‘कुरैशी मेरे लिए सगी बहन’
मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि कर्नल सोफिया कुरैशी मेरे लिए सगी बहन से बढ़कर हैं, जिन्होंने उनका बदला लिया। मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का न तो कोई इरादा था और न ही कोई इच्छा। अगर मेरी किसी बात से किसी को बुरा लगा हो, तो मैं दिल से माफी मांगता हूं। मंच से दिए गए अपने बयान पर उन्होंने भावनात्मक प्रतिक्रिया बताते हुए कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी धर्म या व्यक्ति को ठेस पहुंची हो तो वह क्षमाप्रार्थी हैं। पार्टी की ओर से दी गई फटकार और विपक्ष के हमलों के बीच मंत्री शाह के इस बयान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।

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