Rajasthan: राजस्थान में हाल ही में बनाए गए छोटे जिलों को मर्ज करने की संभावना पर विचार किया जा सकता है। राज्य के मंत्री कन्हैयालाल ने एक बयान में कहा कि वर्तमान में कुछ नए जिलों का आकार इतना छोटा है कि वे विधानसभा क्षेत्र के बराबर हो गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि इसी तरह छोटे-छोटे जिले बनते रहे, तो क्या राज्य में 200 जिले होंगे?
जिलों के आकार पर पुनर्विचार की जरूरत
मंत्री कन्हैयालाल ने कहा कि छोटे जिलों के गठन से प्रशासनिक जटिलताएं बढ़ सकती हैं और संसाधनों का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में जिलों का गठन केवल राजनीतिक कारणों से नहीं होना चाहिए, बल्कि जनता के हित और प्रशासनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।
जिले मर्ज करने की संभावना
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार उन जिलों को मर्ज करने पर विचार कर सकती है, जिनका आकार बहुत छोटा है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय राज्य सरकार द्वारा व्यापक विचार-विमर्श और संबंधित हितधारकों की राय लेने के बाद ही लिया जाएगा।
इस बयान के बाद राजस्थान में जिलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है। सरकार की इस दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर अब नजरें टिकी हुई हैं।