Bharatpur: भरतपुर के भूदका गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पुरानी दुश्मनी के चलते एक माँ और उसकी बेटी की निर्मम हत्या कर दी गई। घटना में मां-बहन भौता देवी (35) और उसकी 17 वर्षीय बेटी नेहा की हत्या कर दी गई। भौता देवी, जो तीन महीने पहले अपने देवर की हत्या के आरोप में जेल से जमानत पर बाहर आई थी, अपने घर में अकेले सो रही थी जब हमलावरों ने उन पर हमला कर दिया।
घटना का विवरण
भौता देवी और उसकी बेटी नेहा रात के समय अपने घर में सो रही थीं। रात के लगभग 12 बजे कुछ लोग उनके घर में घुस आए और दोनों पर लाठियों, राडों और धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में नेहा की मौके पर ही मौत हो गई। भौता देवी ने हमले के दौरान जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया, जिससे आसपास के लोग जाग गए और उनके घर की ओर दौड़े। हमलावरों ने भौता देवी को घायल अवस्था में छोड़ दिया और वहां से भाग गए।
भौता देवी को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस को घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कमान अस्पताल के शवगृह में रखवाया। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश जारी है।
भौता देवी का पूर्व इतिहास
भौता देवी के पति प्रह्लाद गुर्जर की 2014 में लंबी बीमारी के कारण मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद भौता देवी के भाई के देवर घनश्याम गुर्जर अक्सर उनके घर आने-जाने लगे थे। घनश्याम के बार-बार भौता देवी के घर आने-जाने से परेशान होकर, भौता देवी ने अपनी बहन के देवर भूपेंद्र गुर्जर के साथ साजिश की और 11 जुलाई 2023 को अपने ही देवर घनश्याम गुर्जर की धारदार हथियार से हत्या करवा दी थी। इस हत्या के बाद भौता देवी जेल गई और हाल ही में जमानत पर बाहर आई थी।
पुरानी दुश्मनी का असर
घटना से पहले, भौता देवी और उसके परिवार के बीच पुरानी दुश्मनी का एक लंबा इतिहास रहा है। घनश्याम गुर्जर, जो कि भौता देवी के पति के बाद उसके घर में आने वाले व्यक्ति थे, ने भौता देवी के भाई के साथ असहमति की वजह से उसकी आलोचना की थी। इस आलोचना से तंग आकर भौता देवी ने अपने भाई के देवर भूपेंद्र गुर्जर के साथ मिलकर अपने देवर घनश्याम की हत्या की योजना बनाई थी। हत्या के बाद जेल में बिताए समय के दौरान भौता देवी का गुस्सा और असंतोष स्पष्ट रूप से दिख रहा था।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने घटना के तुरंत बाद अपराध स्थल का दौरा किया और छानबीन शुरू की। आरोपियों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी के लिए विभिन्न साक्ष्यों को इकट्ठा किया जा रहा है। पुलिस ने हत्या के मामलों में शामिल लोगों के बारे में पूछताछ शुरू की है और इलाके के निवासियों से भी जानकारी जुटाई जा रही है। फिलहाल, पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों का गठन किया है और विभिन्न सुरागों के आधार पर उनकी तलाश जारी है।
समाजिक प्रभाव
इस घटना ने गांव के लोगों में भय और चिंता की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय लोगों ने इस तरह की हिंसात्मक घटनाओं की निंदा की है और सरकारी अधिकारियों से त्वरित न्याय की मांग की है। इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पुराने विवादों और दुश्मनियों का प्रभाव लोगों की सुरक्षा और शांति पर गहरा असर डाल सकता है।
निष्कर्ष
भरतपुर के भूदका गांव में घटित यह घटना समाज में बढ़ती हिंसा और अपराध के प्रति गंभीर चिंता का विषय है। भौता देवी और उसकी बेटी की हत्या ने न केवल परिवार की दुनिया को तहस-नहस किया है, बल्कि समाज में गहरी असुरक्षा की भावना भी पैदा की है। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि समाज में शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे इस तरह के मामलों में तेजी से कार्रवाई करें और न्याय सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।