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Rajasthan: राजस्थान में पहला जटिल दिल की सर्जरी का रिकॉर्ड, एसएमएस अस्पताल में महिला की जान बचाई

Rajasthan: राजस्थान में पहला जटिल दिल की सर्जरी का रिकॉर्ड, एसएमएस अस्पताल में महिला की जान बचाई

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Rajasthan: राजस्थान के एसएमएस अस्पताल में एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि दर्ज की गई है, जहां डॉक्टरों ने देश की पहली जटिल दिल की सर्जरी सफलतापूर्वक की। इस सर्जरी ने न केवल महिला की जान बचाई, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में भी एक नया मानक स्थापित किया। इस अत्यंत जटिल प्रक्रिया ने अस्पताल को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है और यह भविष्य में अन्य चिकित्सा संस्थानों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

Rajasthan: राजस्थान में पहला जटिल दिल की सर्जरी का रिकॉर्ड, एसएमएस अस्पताल में महिला की जान बचाई

महिला की गंभीर स्थिति और सर्जरी की आवश्यकता

महिला की गंभीर स्थिति का पता सीटीवीएस (कार्डियक, थोरासिक और वैस्कुलर सर्जरी) विभाग में जांच के दौरान चला। डॉक्टरों ने पाया कि उसकी दिल की दो प्रमुख वाल्व, मिट्रल और ऑर्टिक वाल्व, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी थीं। इसके साथ ही, दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में ब्लॉकेज और दिल से बाहर आने वाली मुख्य धमनी में सूजन (ऑर्टिक रूट डायलिटेशन) भी देखी गई। यह स्थिति उसके स्वास्थ्य को और अधिक गंभीर बना रही थी और तुरंत सर्जरी की आवश्यकता थी।

बेंटल सर्जरी का सफलतापूर्वक संचालन

डॉ. संजीव देवगड़हा, सर्जरी विभाग के प्रमुख की देखरेख में, मीरा देवी की बेंटल सर्जरी की गई। बेंटल प्रक्रिया दिल और ऑर्टिक समस्याओं को सुधारने के लिए की जाती है। इस सर्जरी के दौरान दिल की वाल्व और मुख्य धमनी की मरम्मत की गई, जिससे दिल से पूरे शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह सुनिश्चित हो सका। यह सर्जरी लगभग 5-6 घंटे तक चली और मरीज को तीन यूनिट रक्त का ट्रांसफ्यूजन किया गया। दिलचस्प बात यह है कि मीरा देवी का रक्त समूह बॉम्बे ब्लड ग्रुप था, जो अत्यंत दुर्लभ होता है।

सर्जरी के बाद, मीरा देवी को तीन दिन के लिए आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) में रखा गया। उसकी स्थिति में सुधार होने के बाद, उसे अस्पताल से सात दिन बाद छुट्टी दे दी गई। यह सर्जरी एसएमएस अस्पताल के चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में दर्ज की गई है और इसे देश की स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।

सर्जरी में शामिल टीम

इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा करने वाली टीम में प्रमुख सर्जन डॉ. संजीव देवगड़हा (एचओडी), डॉ. केके मावर, डॉ. जमना राम, डॉ. वकटाराम चौधरी, डॉ. चैत्य शाह, डॉ. केशा शाह, और डॉ. उत्सव नंदवाना शामिल थे। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. अंशुल गुप्ता और डॉ. दीपिका सैनी शामिल थे, जबकि परफ्यूजनिस्ट यामिनी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस टीम की मेहनत और विशेषज्ञता ने न केवल मरीज की जान बचाई, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में एसएमएस अस्पताल की मान्यता को भी बढ़ाया।

सांगर में 150-बेड अस्पताल का निर्माण

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र सांगर के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। सांगर के सैटेलाइट अस्पताल को जिला अस्पताल में अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी गई है। अब यह अस्पताल 50 की बजाय 150 बेड्स का होगा, जिसमें 91 नई पदों का सृजन किया गया है। इन पदों में वरिष्ठ और जूनियर विशेषज्ञ, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर और लैब तकनीशियन शामिल हैं। इस उन्नयन के साथ, सांगर के लोगों को एक ही छत के नीचे बहु-विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।

राज्य सरकार ने इस अस्पताल के भवन निर्माण के लिए 9424 लाख रुपये की प्रिंसिपल मंजूरी दी है, जिसमें से 5348 लाख रुपये की वित्तीय मंजूरी जारी की गई है। बाकी 4076 लाख रुपये की मंजूरी डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार होने के बाद दी जाएगी। इस अपग्रेडेशन से सांगर के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा लाभ होगा और क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

निष्कर्ष

राजस्थान के एसएमएस अस्पताल में सफलतापूर्वक की गई पहली जटिल दिल की सर्जरी और सांगर में नया जिला अस्पताल बनने की खबरें राज्य के चिकित्सा क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत देती हैं। इन उपलब्धियों से न केवल स्थानीय जनता को लाभ होगा बल्कि अन्य चिकित्सा संस्थानों को भी प्रेरणा मिलेगी। चिकित्सा क्षेत्र में इस प्रकार की नई ऊंचाइयों को छूना, समाज की भलाई के प्रति सरकारी संकल्प और प्रयासों का प्रमाण है। यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और लोगों की बेहतर सेवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

SatishRana
Author: SatishRana

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