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Rajasthan: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सोशल मीडिया टेंडर विवाद में, जानिए क्यों दूसरी बार हुआ रद्द

Rajasthan: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सोशल मीडिया टेंडर विवाद में, जानिए क्यों दूसरी बार हुआ रद्द

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Rajasthan: राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सोशल मीडिया टेंडर दूसरी बार रद्द हो गया है। पहले टेंडर की शुरुआत 30 जुलाई को की गई थी, जबकि दूसरा टेंडर भी 9 सितंबर को रद्द कर दिया गया। राजस्थान सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DoIT) की राजकॉम्प कंपनी ने मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया प्रबंधन के लिए ₹28 करोड़ का टेंडर जारी किया था।

Rajasthan: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सोशल मीडिया टेंडर विवाद में, जानिए क्यों दूसरी बार हुआ रद्द

टेंडर की प्रक्रिया और विवाद

नए टेंडर में कई बड़ी कंपनियों जैसे कि ओबर्न डिजिटल और दिशा कम्युनिकेशंस ने टेंडर प्रस्तुत किए थे। इसका अंतिम तारीख 20 अगस्त निर्धारित की गई थी। खरीद समिति ने इनमें से दो कंपनियों को तकनीकी रूप से योग्य माना था। लेकिन, टेंडर की शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण टेंडर को रद्द करना पड़ा।

पहले टेंडर की असफलता के बाद, सरकार ने एक नए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन अब, इस टेंडर के रद्द होने के कारण कई सवाल उठ रहे हैं। राज्य में चर्चा शुरू हो गई है कि मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया टेंडर को बार-बार रद्द करने का कारण क्या है और सरकार लगातार क्यों पीछे हट रही है।

टेंडर की शर्तें और कंपनियों की पात्रता

टेंडर में कुछ महत्वपूर्ण शर्तें थीं जिन्हें कंपनियों को पूरा करना था। इनमें तकनीकी पात्रता, पूर्व अनुभव, और वित्तीय स्थिति जैसे मानदंड शामिल थे। हालांकि, कंपनियों ने इन शर्तों को पूरा नहीं किया, जिसके कारण टेंडर को रद्द करना पड़ा।

यह भी देखा गया है कि कई बड़ी कंपनियों ने टेंडर में भाग लिया, लेकिन तकनीकी रूप से वे सभी आवश्यक मानदंडों को पूरा नहीं कर पाईं। इससे स्पष्ट होता है कि टेंडर की शर्तें काफी कठोर थीं या फिर कंपनियों ने सही तरीके से अपनी दावेदारी पेश नहीं की।

सोशल मीडिया प्रबंधन की जिम्मेदारी

वर्तमान में, मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया की जिम्मेदारी उनके OSD (विशेष सहायता अधिकारी) धनराज सोलंकी द्वारा संभाली जा रही है। जबकि टेंडर की प्रक्रिया में बार-बार देरी और रद्द होने की स्थिति ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, इस स्थिति ने सोशल मीडिया प्रबंधन के लिए एक स्थिर और पेशेवर समाधान की आवश्यकता को और भी स्पष्ट कर दिया है।

सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजना

सरकार की ओर से यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि बार-बार टेंडर रद्द होने के पीछे कौन से कारण हैं। हालांकि, यह स्थिति राज्य के प्रशासनिक और कार्यान्वयन तंत्र पर सवाल खड़े करती है। कुछ सूत्रों के अनुसार, सरकारी अधिकारियों की ओर से टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन असफलताओं के कारण अब तक कोई स्थिर समाधान नहीं मिल पाया है।

भविष्य में, सरकार को चाहिए कि वह एक स्पष्ट और स्थिर टेंडर प्रक्रिया तैयार करे जो सभी मानदंडों को पूरा कर सके और कंपनियों को सही दिशा प्रदान कर सके। इसके लिए, तकनीकी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता हो सकती है ताकि टेंडर की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए और इसे समय पर पूरा किया जा सके।

चर्चा और सवाल

मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया टेंडर की बार-बार रद्द होने की स्थिति ने राज्य में व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। यह स्थिति सरकारी प्रशासन की क्षमता और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। लोगों का यह मानना है कि यदि मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया प्रबंधन के लिए एक स्थिर और सक्षम ठेकेदार की नियुक्ति समय पर की जाती, तो इस विवाद से बचा जा सकता था।

वर्तमान स्थिति को देखते हुए, यह आवश्यक है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दे और एक स्थिर और प्रभावी समाधान प्रदान करे। इससे न केवल सोशल मीडिया प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि राज्य की सरकारी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता भी बढ़ेगी।

निष्कर्ष

राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सोशल मीडिया टेंडर की बार-बार रद्द होने की स्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। टेंडर की शर्तों, कंपनियों की पात्रता, और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता है। सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले और सुनिश्चित करे कि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े। एक स्थिर और पारदर्शी प्रक्रिया का होना आवश्यक है ताकि राज्य की सरकारी कार्यप्रणाली में सुधार हो सके और जनता को प्रभावी सेवाएं मिल सकें।

SatishRana
Author: SatishRana

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