Haryana elections: हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर कई दिलचस्प मुकाबले देखने को मिलेंगे। खासतौर पर तीन विधानसभा सीटों पर चुनावी मुकाबला काफी रोमांचक रहेगा। इनमें सिरसा जिले की डबवाली, झज्जर जिले की उचाना और भिवानी जिले की तोशाम सीट शामिल हैं। इन सीटों पर चुनावी दंगल में नामी राजनीतिक परिवारों के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी समर में उतरेंगे, जिससे चुनावी परिदृश्य और भी दिलचस्प हो गया है।
डबवाली सीट पर चौताला परिवार की टकरार
डबवाली विधानसभा सीट पर इस बार चौताला परिवार के सदस्यों के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौताला के परिवार के सदस्य इस बार विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से चुनावी मैदान में होंगे। जननायक जनता पार्टी (JJP) ने ओम प्रकाश चौताला के पोते, पार्टी के प्रमुख महासचिव, दिग्विजय चौताला को टिकट दिया है। वहीं, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने भाजपा से बगावत करने वाले आदित्य देवी लाल को उम्मीदवार बनाया है। आदित्य देवी लाल, चौधरी देवी लाल के पोते और ओम प्रकाश चौताला के भतीजे हैं। वे भाजपा सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।
भाजपा ने इस सीट पर सरदार बलदेव सिंह मंगियाना को नया चेहरा दिया है। कांग्रेस ने इस सीट पर उम्मीदवार की घोषणा अभी तक नहीं की है, लेकिन मुख्य मुकाबला चौताला परिवार के सदस्य आदित्य देवी लाल और दिग्विजय चौताला के बीच होने की संभावना है।
तोशाम में बंसी लाल की राजनीतिक विरासत की जंग
भिवानी जिले की तोशाम सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल के परिवार की सदस्यता पर चुनावी मुकाबला होगा। भाजपा ने बंसी लाल की पोती श्रुति चौधरी को इस सीट पर उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने बंसी लाल के पोते और रणबीर महेंद्र के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को मैदान में उतारा है। दोनों उम्मीदवार बंसी लाल की राजनीतिक विरासत को लेकर लड़ाई करेंगे।
श्रुति चौधरी ने कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भाजपा के खिलाफ जमकर संघर्ष किया था, लेकिन अब वह भाजपा की नीतियों को बढ़ावा दे रही हैं। दूसरी ओर, अनिरुद्ध चौधरी भी बंसी लाल की राजनीतिक धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी मैदान में हैं।
उचाना में पूर्व उप मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद का मुकाबला
उचाना विधानसभा सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे ब्रिजेंद्र सिंह कांग्रेस से चुनावी मैदान में हैं, जबकि पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौताला जननायक जनता पार्टी (JJP) से उम्मीदवार हैं। दोनों उम्मीदवार पूर्व में भाजपा के साथ सत्ता साझेदार रह चुके हैं, और चार साल से अधिक समय तक भाजपा के साथ सत्ता में रहे हैं।
इन दोनों नेताओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती वर्तमान सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना और एक-दूसरे को हराना होगा। दोनों ही अपने-अपने पक्ष में सरकार की आलोचना और आत्ममंथन करेंगे, जिससे यह चुनावी मुकाबला और भी रोचक हो जाएगा।
चुनावी परिदृश्य और संभावनाएं
हरियाणा की इन तीन महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों पर राजनीतिक विरासत और व्यक्तिगत राजनीतिक हितों के बीच मुकाबला होगा। चौताला परिवार की टकरार, बंसी लाल की विरासत पर दावेदारी, और भाजपा-सरकार के पूर्व सहयोगियों के बीच की जंग चुनावी परिदृश्य को और भी दिलचस्प बना रही है।
इन चुनावी मुकाबलों में कौन सी पार्टी या उम्मीदवार विजयी होगा, यह तो चुनाव के परिणामों के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल इन सीटों पर हो रही प्रतिस्पर्धा और राजनीतिक बयानों ने चुनावी माहौल को गर्मा दिया है।
निष्कर्ष
हरियाणा की इन तीन विधानसभा सीटों पर चुनावी मुकाबला न केवल राजनीतिक विरासत के लिए है, बल्कि व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का भी प्रतीक है। इस बार, चुनावी माहौल में परिवारिक टकरार, राजनीतिक धरोहर की जंग और पूर्व सहयोगियों की प्रतिस्पर्धा ने एक नया आयाम जोड़ दिया है। इन सीटों पर होने वाले चुनावी मुकाबले निश्चित ही राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकते हैं।