Delhi News: दिल्ली के बाबा हरिदास नगर क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक युवक की मौत हो गई क्योंकि उसे चार अलग-अलग अस्पतालों में समय पर इलाज नहीं मिला। यह घटना स्वास्थ्य प्रणाली की गंभीर खामियों को उजागर करती है और सवाल उठाती है कि दिल्ली जैसे बड़े शहर में स्वास्थ्य सेवाएं कितनी प्रभावी हैं।
घटना का विवरण
विजय कुमार (20) नामक युवक, जो कि एटा, आगरा के गाँव गरापुर का निवासी था, दिल्ली में अपने रिश्तेदार के साथ काम करने आया था। विजय और उसका भाई धर्मेंद्र शनिवार रात को ढीचौ गाँव के हफ्ते भर के बाजार से अपने ठेले के साथ लौट रहे थे। अचानक, एक नारंगी रंग की क्लस्टर बस ने विजय को टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
बस चालक ने तुरंत विजय और धर्मेंद्र को उसी बस में सवार कर के नजफगढ़ के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया। वहाँ पर प्राथमिक उपचार के बाद, स्वास्थ्य केंद्र ने उसे डी.डी.यू. अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। धर्मेंद्र ने विजय को डी.डी.यू. अस्पताल में ले जाकर देखा कि वहां भी उसे केवल रेफर कर दिया गया और अब उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई।
स्वास्थ्य केंद्रों की लापरवाही
धर्मेंद्र विजय को सफदरजंग अस्पताल ले गया, लेकिन वहां भी भीड़ और लापरवाही का सामना करना पड़ा। विजय की हालत बिगड़ती जा रही थी और इलाज में देर होने की वजह से धर्मेंद्र ने उसे नर्मला अस्पताल, जय विहार में भर्ती कराया। यहाँ भी इलाज शुरू हुआ, लेकिन हालात और खराब हो चुके थे। सुबह करीब 10:30 बजे, विजय को जंतर लैब, तिलक नगर में सीटी स्कैन के लिए भेजा गया। दुर्भाग्यवश, सीटी स्कैन के दौरान विजय की मौत हो गई।
परिवार और पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद, विजय का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और फिर पुलिस ने शव को परिवार को सौंप दिया। विजय का परिवार शव को लेकर आगरा चला गया। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की है और बस चालक की तलाश जारी है।
स्वास्थ्य प्रणाली की खामियां
इस घटना ने दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर किया है। एक मरीज को समय पर इलाज मिलना बहुत महत्वपूर्ण है, विशेषकर गंभीर हालत में। सरकारी अस्पतालों में लंबी कतारें और लापरवाही के कारण मरीजों की जान पर बन आती है। वहीं, निजी अस्पतालों में इलाज की लागत भी आम आदमी की पहुंच से बाहर होती है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस घटना पर नेताओं और समाज के विभिन्न हिस्सों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। लोगों ने स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की मांग की है और कहा है कि सरकार को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
समाप्ति
विजय कुमार की मौत ने दिल्ली की स्वास्थ्य प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यह घटना न केवल एक व्यक्ति के जीवन की हानि को दर्शाती है बल्कि यह भी बताती है कि हमें अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की कितनी जरूरत है। स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार करने और प्रत्येक नागरिक को समय पर और उचित इलाज सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।