Delhi Government: जिसका नेतृत्व अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं, ग्रामीण सेवा वाहनों को सड़कों से हटाने पर विचार कर रही है। इसके स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की योजना बनाई जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली सरकार ग्रामीण सेवा ऑटो को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की योजना पर काम कर रही है। वर्तमान में, दिल्ली में लगभग 3000 ग्रामीण सेवा वाहन चल रहे हैं।
ग्रामीण सेवा योजना की शुरुआत
2010 में शुरू की गई ग्रामीण सेवा योजना एक पैराट्रांसिट योजना है, जिसमें उच्च क्षमता वाले तीन-पहिया वाहन शामिल हैं, जिनमें छह यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है। ये वाहन दिल्ली के ग्रामीण इलाकों, अनधिकृत बस्तियों और झुग्गी-जोपड़ी क्षेत्रों में चलने की अनुमति दी गई थी। एक अधिकारी ने बताया कि ये वाहन ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम-मील कनेक्टिविटी के महत्वपूर्ण साधन हैं।
ग्रामीण सेवा वाहनों की स्थिति
दिल्ली में ग्रामीण सेवा की शुरुआत के समय लगभग 6000 वाहन पंजीकृत थे। हालांकि, समय के साथ कई वाहन सड़कों से गायब हो गए हैं। वर्तमान में, लगभग 2000 से 3000 ग्रामीण सेवा वाहन ही ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बदलाव
दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बदलाव करने की योजना बना रही है। अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण सेवा को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके लिए ग्रामीण सेवा के संघों ने सरकार से अनुरोध किया है और परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं।
संघों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करने से ग्रामीण सेवा को पुनर्जीवित किया जा सकता है और इससे पर्यावरण के अनुकूल परिवहन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकेगा।
संघों की मांग और सरकारी योजना
संघों ने दिल्ली सरकार से ग्रामीण सेवा वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों से भी मिलकर अपनी समस्याओं और सुझावों को रखा है।
दिल्ली सरकार इस समय ग्रामीण सेवा की स्थिति पर गंभीरता से विचार कर रही है और इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि ग्रामीण सेवा के वाहन समय के साथ नई तकनीक के अनुरूप हो जाएं।
निष्कर्ष
दिल्ली में ग्रामीण सेवा ऑटो का भविष्य अब इलेक्ट्रिक वाहनों पर निर्भर करेगा। यदि यह योजना सफल होती है, तो इससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि ग्रामीण सेवा को भी एक नई दिशा मिलेगी। सरकार के इस कदम से दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में अंतिम-मील कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है और साथ ही सड़कों पर प्रदूषण भी कम हो सकता है।