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Commentator Devendra Kumar News: क्रिकेट का जुनून ले गया उसे अफगानिस्तान, कमेंटेटर देवेंद्र की जोधपुर से काबुल तक की यात्रा

Commentator Devendra Kumar News: क्रिकेट का जुनून ले गया उसे अफगानिस्तान, कमेंटेटर देवेंद्र की जोधपुर से काबुल तक की यात्रा

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Commentator Devendra Kumar News: क्रिकेट का जुनून एक भारतीय युवक को अफगानिस्तान तक ले गया, जहां उसे काबुल स्टेडियम में घरेलू टी20 लीग के फाइनल मैच के पहले दर्शकों द्वारा खड़ा होकर सलामी दी गई। इस भारतीय कमेंटेटर, देवेंद्र कुमार की कहानी क्रिकेट प्रेम और अडिग संघर्ष की प्रेरणादायक मिसाल है। देवेंद्र कुमार, जो राजस्थान के जोधपुर जिले के छतरपुरा गांव के निवासी हैं, ने अपने गांव को छोड़कर क्रिकेट कमेंटेटर बनने का सपना पूरा करने के लिए एक लंबा सफर तय किया।

जोधपुर से काबुल तक की यात्रा

देवेंद्र कुमार ने अपने करियर की शुरुआत जयपुर में स्कूल क्रिकेट और पोलो मैचों की कमेंट्री से की थी। इस क्षेत्र में एक दशक से अधिक का अनुभव हासिल करने के बाद, उन्हें 2017 में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा एक महत्वपूर्ण मौका मिला। इस समय तक अफगानिस्तान की घरेलू टूर्नामेंटों की कमेंट्री केवल पश्तो भाषा में होती थी, लेकिन देवेंद्र को इंग्लिश कमेंटेटर बनने का मौका मिला। इस अवसर ने उनके करियर की दिशा बदल दी और उन्होंने जल्द ही क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बना ली।

देवेंद्र कुमार की कमेंट्री का अंदाज इतना सरल और समझने योग्य था कि उसे अफगान क्रिकेट प्रशंसेक भी बहुत पसंद करते थे। 2023 विश्व कप के दौरान, बीबीसी ने उन्हें क्षेत्रीय विशेषज्ञ के रूप में साइन किया। पिछले महीने, जब देवेंद्र फाइनल मैच के टॉस के लिए बाहर आए, तो अफगान फैंस ने उनका भव्य स्वागत किया। देवेंद्र ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, “जब अफगान फैंस ने मेरा नाम चिल्लाना और मेरे लिए एक मिनट से अधिक समय तक ताली बजाना शुरू किया, तो मुझे अभी भी ग goosebumps मिलते हैं। यह एक बहुत खास पल था जिसे मैं अपनी आखिरी सांस तक नहीं भूलूंगा।”

अफगानिस्तान में सुरक्षा चुनौतियाँ

हालांकि देवेंद्र का करियर ऊंचाइयों पर था, लेकिन हालात अफगानिस्तान में बदल गए थे जब तालिबान ने सत्ता संभाली। एक मैच के दौरान, जहां देवेंद्र कमेंट्री कर रहे थे, एक बम विस्फोट हुआ। इस विस्फोट से देवेंद्र दूर थे, लेकिन इस घटना ने उनकी स्थिति को उजागर किया। देवेंद्र ने कहा कि तालिबान के आने के बाद अफगानिस्तान में परिस्थितियाँ बदल गई हैं, लेकिन वहाँ के लोग भारतीयों के प्रति दोस्ताना भाव रखते हैं। वह अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के कमेंट्री पैनल में एकमात्र भारतीय हैं।

Commentator Devendra Kumar News: क्रिकेट का जुनून ले गया उसे अफगानिस्तान, कमेंटेटर देवेंद्र की जोधपुर से काबुल तक की यात्रा

इस घटना के बाद, अफगानिस्तान के ऑलराउंडर गुलबदीन नैब ने सोशल मीडिया पर एक भावुक नोट साझा किया। नैब ने लिखा, “देवेंद्र, आपकी हमारी मुश्किल समय में @ACBofficials और हमारे देश के साथ प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद। हम आपकी महान कोशिशों और सम्मान को कभी नहीं भूलेंगे।”

शुरुआती दिनों की चुनौतियाँ

देवेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत के दिनों में विशेष रूप से ग्रेग चैपल की मदद की सराहना की। चैपल ने उन्हें प्रारंभिक दिनों में कई बार दोस्ताना मैचों में कमेंट्री करने का मौका दिया। देवेंद्र ने कहा कि प्रारंभिक दिनों में उन्हें अफगानिस्तान-आयरलैंड श्रृंखला में तीन अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों और जिम्बाब्वे-आफगानिस्तान श्रृंखला में 5 एकदिवसीय और दो टी-20 मैचों में कमेंट्री करने का मौका मिला।

देवेंद्र कुमार की शिक्षा एक सरकारी स्कूल से हुई, जहां अंग्रेजी शिक्षक नहीं थे और हिंदी भी मारवाड़ी में पढ़ाई जाती थी। ऐसे में, उन्होंने लंबे समय तक अंग्रेजी भाषा को पूरी तरह से समझा नहीं। हालांकि, उन्होंने टोनी ग्रेग और जियोफ्री बॉयकॉट की आवाजों को सुनकर प्रेरित होकर इस भाषा में अपना करियर बनाने का सपना देखा।

निष्कर्ष

देवेंद्र कुमार की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है जो यह दर्शाती है कि कैसे लगन और समर्पण से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनके द्वारा की गई मेहनत और उनके जुनून ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है, और उनकी कहानी भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा है।

जबकि क्रिकेट दुनिया के कई हिस्सों में चल रहा है, देवेंद्र कुमार का अनुभव यह दिखाता है कि कैसे खेल के प्रति एक व्यक्ति का प्यार और समर्पण उसे किसी भी मुश्किल स्थिति से बाहर निकाल सकता है और उसे सफलता की ओर ले जा सकता है।

SatishRana
Author: SatishRana

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