Rajasthan News: कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने हाल ही में भीलवाड़ा में एक सार्वजनिक बैठक के दौरान पुलिस को खुलेआम धमकी दी है। धीरज गुर्जर ने मंच से कहा, “अगर पुलिस किसी कर्मी की बाइक को छू भी ले, तो धीरज गुर्जर का जूता उनसे बात करेगा।” इस धमकी का वीडियो सामने आया है और यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
धीरज गुर्जर का मंच से बयान
कोटड़ी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान धीरज गुर्जर ने कहा, “कोटड़ी, पारोली और आसपास के क्षेत्रों के पुलिस अधिकारी कहते हैं कि अगर बाइक पर ‘गुर्जर’ लिखा है, तो उसे पुलिस थाने में बंद कर दो। मैं चुनौती देता हूँ कि अगर वे किसी भी कर्मी की बाइक को छूते हैं, तो धीरज गुर्जर का जूता उनसे बात करेगा।” उन्होंने आगे कहा, “मैं यह लड़ाई इसलिए नहीं लड़ रहा कि लोग कहें कि मैं चुनाव हारने के बाद शांत नहीं हुआ हूँ। मैं उन्हें एक बात बताना चाहता हूँ कि धीरज गुर्जर चुनाव हारने के बाद भी पीछे नहीं हटा है। अगर मैं उछलूं, तो मैं तुम्हें जमीन में दबा दूंगा, यह ध्यान में रखना।”
धीरज गुर्जर ने क्यों दी धमकी?
धीरज गुर्जर ने इस बयान के बारे में कहा कि वे अपनी बात पर अब भी कायम हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र में पुलिस जातिगत आधार पर लोगों को लक्षित कर रही है, और उन्होंने इसका विरोध जताया है। वास्तव में, भीलवाड़ा और शाहपुरा जिलों की पुलिस एक अभियान चला रही है जिसमें गाड़ियों की नंबर प्लेट के स्थान पर जाति, उप-जाती या अन्य नाम लिखे जाने पर कार्रवाई की जा रही है। धीरज गुर्जर ने इस मुद्दे पर पुलिस को सार्वजनिक मंच से धमकी दी है।
पुलिस का जवाब
धीरज गुर्जर के बयान पर शाहपुरा के पुलिस अधीक्षक राजेश कावट ने कहा कि पुलिस मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई करती है। पुलिस का किसी जाति से कोई लेना-देना नहीं है, और भविष्य में भी कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस का काम नियमों के तहत होता है और किसी भी जातिगत भावना को ध्यान में रखे बिना कार्रवाई की जाती है।
धीरज गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई
धीरज गुर्जर के धमकी देने के बाद स्थानीय पुलिस ने इस बयान को गंभीरता से लिया है। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करने की बात नहीं की है, लेकिन धमकी देने का मामला चर्चा में आ गया है। ऐसे में यह देखना होगा कि इस विवाद का राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर क्या प्रभाव पड़ता है।
सारांश
धीरज गुर्जर का यह बयान न केवल पुलिस के प्रति उनके गुस्से को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि स्थानीय मुद्दों को लेकर राजनीतिक नेताओं के बीच तनाव कितना बढ़ सकता है। कांग्रेस नेता की धमकी से यह साफ हो गया है कि राजनीतिक वाद-विवाद और क्षेत्रीय समस्याएं कभी भी उग्र रूप ले सकती हैं। इस बयान के सामने आने के बाद, यह जरूरी हो गया है कि पुलिस और राजनीतिक दल दोनों ही संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ काम करें ताकि किसी भी जातिगत या राजनीतिक विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके।