Haryana Elections 2024: हरियाणा में 2024 के चुनावों के करीब आते ही भाजपा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से एक प्रमुख चुनौती पूर्व भाजपा विधायक लतिका शर्मा की बढ़ती नाराजगी है। उनकी नाराजगी केवल उनकी व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि यह भाजपा की चुनावी संभावनाओं को भी प्रभावित कर रही है। हाल ही में, लतिका शर्मा के समर्थक कई भाजपा परिषद सदस्यों ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है, जिससे पार्टी की स्थिति और कमजोर हुई है।
लतिका शर्मा की नाराजगी
लतिका शर्मा, जो कि पहले भाजपा की एक सक्रिय नेता रही हैं, अब चुनावी प्रचार से गायब हैं। भाजपा के उच्च कमान ने उन्हें कई बार कंलका में प्रचार करने के लिए संपर्क किया है, लेकिन उनकी अनुपस्थिति ने इस विधानसभा क्षेत्र को भाजपा के लिए एक बड़ा चुनौती बना दिया है। पार्टी में आंतरिक असंतोष बढ़ता जा रहा है, और यह स्थिति भाजपा के लिए चिंताजनक है।
कांग्रेस का बढ़ता प्रभाव
कांग्रेस ने स्थानीय बनाम बाहरी मुद्दे को चुनाव में बड़े पैमाने पर उठाया है। पार्टी ने मतदाताओं से स्थानीय मुद्दों के आधार पर वोट मांगने का अभियान तेज कर दिया है। स्थानीय जनता का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में क्षेत्र में विकास की कोई ठोस योजना नहीं बनी है।
कंलका क्षेत्र की समस्याएं
कंलका क्षेत्र में कई समस्याएं हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। यहाँ की प्रमुख समस्याओं में से एक है पिंजौर बाजार में ट्रैफिक जाम। लोगों का कहना है कि अक्सर उन्हें जाम में एक से दो घंटे फंसे रहना पड़ता है। सड़क की खराब स्थिति और अनेक गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
इसके अलावा, कंलका से लेकर हाईवे तक की सड़क की स्थिति भी बहुत खराब है, जिससे हजारों वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं। लोग सड़क की मरम्मत और ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान की मांग कर रहे हैं।
समस्याओं का समाधान
कंलका क्षेत्र में कई विकास कार्य अधूरे पड़े हैं, जैसे कि काली माता मंदिर में पार्किंग व्यवस्था, एचएमटी को फिर से जीवित करना, और मोरनी में पानी की उपलब्धता के लिए डेम का निर्माण। इसके अलावा, विभिन्न गांवों में सड़कों की स्थिति सुधारने और रायपुर रानी को उपविभाग का दर्जा देने का कार्य भी लंबित है।
खासकर, मोरनी के गांवों में सड़क की खराब स्थिति गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी समस्या बन गई है। अस्पताल जाने के लिए उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर खतरा मंडरा सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
कंलका में सरकारी अस्पतालों में तीन डॉक्टरों की पोस्ट खाली हैं। यहां ऑर्थोपेडिस्ट और अन्य विशेषज्ञों की कमी के कारण आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति अत्यंत गंभीर है। महिलाओं को सोनोग्राफी जैसी सुविधाओं के लिए प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है। यह स्थिति इस बात का प्रमाण है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की कितनी आवश्यकता है।
शिक्षा की कमी
स्थानीय बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने में भी कठिनाई हो रही है। चंडीगढ़ और पंचकुला की तुलना में यहाँ की शिक्षा प्रणाली में कोई ध्यान नहीं दिया गया है। खेल के प्रति भी कोई प्रोत्साहन नहीं है, जिससे बच्चों की प्रतिभा को विकसित करने का अवसर नहीं मिल रहा है।