आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता Sanjay Singh ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे, तो सभी चुप हो गए। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि न तो आरएसएस और न ही भाजपा के पास केजरीवाल के सवालों का जवाब देने का साहस है। उनके अनुसार, इन सवालों के नाम पर भाजपा और आरएसएस दोनों मौन हो गए हैं।
Sanjay Singh का आरोप
Sanjay Singh ने अपने संबोधन में कहा कि अरविंद केजरीवाल दो बार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं, जो उनके ईमानदार और भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े रहने की गवाही देता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक देश से भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो जाता। संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल के पांच सवालों पर न तो भाजपा और न ही आरएसएस ने कोई प्रतिक्रिया दी है, जो उनकी असमर्थता को दर्शाता है।
मनीष सिसोदिया का बयान
इस दौरान, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जेल में रहते हुए उन्हें भाजपा में शामिल होने के संदेश मिलते थे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया और उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की। सिसोदिया ने कहा, “मेरे खातों को फ्रीज कर दिया गया, मेरे बेटे की फीस भरने के लिए मुझे लोगों से मदद मांगनी पड़ी। मैंने 2002 में पांच लाख रुपये में एक छोटा घर खरीदा था, जिसका कब्जा भी उन्होंने ले लिया।”
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा उन्हें केजरीवाल से अलग करने की कोशिश कर रही थी और CBI ने अदालत में झूठ बोला कि उन्होंने सारे आरोप मुझ पर डाल दिए हैं।
केजरीवाल के पांच सवाल
संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिर से उन पांच सवालों को उठाया जो अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पूछे थे। उन्होंने कहा कि इन सवालों का जवाब न मिलने से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा और आरएसएस के पास कोई उत्तर नहीं है। संजय सिंह ने मांग की कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इन सवालों का जवाब दें और स्पष्ट करें कि आरएसएस और भाजपा का इस पर क्या स्टैंड है।
ये हैं केजरीवाल के 5 सवाल:
- देशभर में सरकारें गिराने के लिए ईडी-सीबीआई का डर दिखाना और नेताओं को लालच देकर खरीदना क्या लोकतंत्र के लिए सही है? क्या आरएसएस इस पर सहमति जताता है?इस सवाल के माध्यम से केजरीवाल ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। कई राज्यों में विपक्ष की सरकारों को अस्थिर कर भाजपा सत्ता में आई है। संजय सिंह ने कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ है और आरएसएस को इस पर जवाब देना चाहिए कि क्या वे इस कदम से सहमत हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्ट नेताओं को भाजपा में शामिल किया। जिन्हें अमित शाह ने पहले भ्रष्ट कहा था, कुछ दिनों बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। क्या आरएसएस ऐसी राजनीति का समर्थन करता है?इस सवाल में केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अपने ही शब्दों के खिलाफ जाकर भ्रष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है। जो नेता पहले भाजपा के लिए भ्रष्ट थे, उन्हें अब पार्टी में शामिल किया जा रहा है। क्या आरएसएस ऐसी राजनीति को सही मानता है?
- भाजपा का जन्म RSS से हुआ। यह आरएसएस की जिम्मेदारी थी कि वह यह सुनिश्चित करे कि भाजपा का रास्ता भ्रष्ट न हो। क्या आरएसएस ने कभी मोदी जी से कहा कि ऐसा न करें?केजरीवाल ने सवाल उठाया कि भाजपा का मार्गदर्शन आरएसएस करता है, ऐसे में आरएसएस की जिम्मेदारी थी कि वह भाजपा को भ्रष्टाचार से दूर रखे। क्या आरएसएस ने कभी भाजपा या प्रधानमंत्री मोदी को इस दिशा में सुधार के लिए कहा है?
- लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि BJP को अब RSS की जरूरत नहीं है। क्या इससे आरएसएस और उसके कार्यकर्ताओं को चोट पहुंची या नहीं?इस सवाल में केजरीवाल ने नड्डा के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी कि क्या RSS अब भाजपा के लिए अप्रासंगिक हो गया है? यह बयान RSS के मूल विचारों के खिलाफ जाता है, क्या इससे RSS को आघात पहुंचा?
- 75 वर्ष की उम्र के बाद सेवानिवृत्ति के नियम के तहत लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को रिटायर किया गया। अब अमित शाह कह रहे हैं कि यह नियम प्रधानमंत्री मोदी पर लागू नहीं होगा। क्या आप इससे सहमत हैं?इस सवाल में केजरीवाल ने भाजपा के सेवानिवृत्ति के नियम पर सवाल उठाया कि जब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को 75 वर्ष की उम्र के बाद राजनीति से रिटायर कर दिया गया, तो यह नियम मोदी जी पर क्यों लागू नहीं हो रहा है? क्या आरएसएस इस पक्षपातपूर्ण नीति से सहमत है?