Ajmer News: अजमेर में 3 अक्टूबर से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्रि के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। शहर में विभिन्न पंडालों में मां दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी और नवरात्रि के 9 दिनों तक गरबा का आयोजन होगा। कलाकारों ने मूर्तियों के निर्माण का काम पूरा करने के लिए जुट गए हैं।
मूर्तियों का निर्माण
अजमेर के वैशाली नगर और अना सागर चौपाटी के पास भव्य मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। मूर्तियों के निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस और जूट का उपयोग किया जा रहा है। मूर्तियों को आकार देने के लिए मोल्ड का उपयोग किया जाता है और इसके बाद रंगीनता का काम किया जाता है। इस साल, कई कलाकार एक साथ मिलकर नवरात्रि के लिए मां दुर्गा की मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं।
कलाकार का अनुभव
श्रवण, जो पिछले 15 वर्षों से मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं, कहते हैं कि उनकी बनाई गई मूर्तियों की शहर में काफी मांग है। वे बताते हैं कि उनके पास 3 से 4 फीट से लेकर 8 फीट तक की मूर्तियां हैं, जिनकी कीमत 2500 रुपये से लेकर 7000-8000 रुपये तक होती है। उन्होंने कहा कि मूर्तियों को बनाने में काफी मेहनत और लागत लगती है।
श्रवण के साथ उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इस काम में उनकी मदद करते हैं। वे सभी इस परंपरा को आगे बढ़ाने में विश्वास रखते हैं और अपने काम के प्रति समर्पित हैं। उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियां शहर भर से लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं, और दूर-दूर से लोग उनकी मूर्तियां खरीदने आते हैं।
नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि का त्योहार धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस दौरान भक्त माता दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं, और शहर भर में पंडाल सजाए जाते हैं। हर पंडाल में विशेष कार्यक्रम और गरबा नृत्य का आयोजन होता है, जिससे समुदाय के लोग एकत्र होते हैं और अपने आराध्य की भक्ति में लीन होते हैं।
गरबा और सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस साल, अजमेर में गरबा का आयोजन और भी भव्य होने की योजना है। आयोजक इस बार नए और रोचक कार्यक्रमों की योजना बना रहे हैं, जिसमें स्थानीय कलाकारों और स्कूलों के बच्चों को शामिल किया जाएगा। इससे न केवल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपने सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का एक अच्छा अवसर मिलेगा।
कलाकारों की मांग
जैसे-जैसे नवरात्रि नजदीक आ रही है, मूर्तियों के लिए मांग बढ़ती जा रही है। श्रवण बताते हैं कि इस समय उन्हें दिन-रात काम करना पड़ता है, क्योंकि मूर्तियों की डिमांड बढ़ गई है। विभिन्न पंडालों के आयोजक भी उनके पास आकर मूर्तियों की बुकिंग कर रहे हैं।
समुदाय का समर्थन
आयोजनकर्ताओं ने स्थानीय समुदाय से अपील की है कि वे इस नवरात्रि को सामूहिक रूप से मनाएं और शहर में एकता और भाईचारे का संदेश फैलाएं। इसके साथ ही, नवरात्रि के अवसर पर सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच एकजुटता और सहयोग की भावना बढ़ सके।