जयपुर: अब तक आपने सरकारी योजनाओं के नाम बदलने की बातें सुनी होगी। जब सरकारें बदलती है, तब अपने हिसाब से पूर्ववर्ती सरकार के समय चालू की कई योजनाएं और कार्यक्रम बदल दिए जाते हैं। अब जयपुर नगर निगम हेरिटेज ने शहर के कई स्थानों और मार्गों के नाम भी बदल दिए हैं। स्थानीय निकायों में नगर निगम सबसे बड़ा निकाय होता है, जिसे शहर की सरकार भी कहा जाता है। जिस तरह से राष्ट्रपति देश के और राज्यपाल राज्य के प्रथम नागरिक होते हैं। उसी तरह निगम के महापौर शहर के प्रथम नागरिक होते हैं। निगम के पास अधिकार है कि वे अपने हिसाब से स्थान या मार्गों के नाम तय कर सकते हैं। जयपुर नगर निगम हेरिटेड की बैठक में शुक्रवार को जयपुर शहर के कुछ प्रमुख स्थानों के नाम बदल दिए गए।
चांदपोल का नाम बदलना ऐतिहासिक फैसला
हालांकि निकाय क्षेत्रों में मार्गों और पार्कों के नामकरण का अधिकार बोर्ड के पास होता है। बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया फैसला मान्य होता है। बैठक में नाम परिवर्तन भी होते रहे हैं, लेकिन चांदपोल सर्किल और जनाना अस्पताल का नाम बदलना अपने आप में ऐतिहासिक है। सन 1728 में जयपुर की स्थापना हुई थी, तब शहर के चारों ओर दीवार के साथ प्रमुख गेट बनाए गए थे। इनमें से एक गेट का नाम चांदपोल गेट था, जिसके पास बने सर्किल को नाम चांदपोल सर्किल के नाम से जाना जाता है। करीब 300 साल पुराने इस सर्किल का नाम अब बदला गया है।
इसी तरह जयपुर के जनाना अस्पताल का निर्माण भी करीब 100 साल पहले हो गया था। आजादी से पहले वर्ष 1929 में जनाना अस्पताल बना, जहां पर विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध है। इतने पुराने अस्पताल का नाम अब करीब 100 साल बाद बदला गया है।
किस नाम से जाने जाएंगे चांदपोल और जनाना अस्पताल?
जयपुर नगर निगम हेरिटेज की बैठक में चांदपोल सर्किल का नया नाम महर्षि वाल्मीकि सर्किल रखने पर सर्वसम्मति हुई। इसी तरह से चांदपोल के पास ही स्टेशन रोड स्थित जनाना अस्पताल का नाम अब माता यशोदा अस्पताल रख दिया गया है।
इन जगहों के नाम भी बदले गए
जयपुर की सबसे व्यस्त मानी जाने वाली एमआई रोड स्थित पांच बत्ती सर्किल से सिंहद्वार की ओर जाने वाली सड़क का नाम भी माता लीलावती मार्ग रख दिया गया है। सोडाला के पास स्थित 4 नंबर डिस्पेंसरी से एनबीसी की ओर जाने वाले मार्ग का नाम अब तक हसनपुरा मार्ग था, जिसे अब हसनपुरा मार्ग के बजाय हरिपुरा मार्ग के नाम से जाना जाएगा। इसी तरह वार्ड 77 के परमानंद पार्क में स्थित भवन का नाम भी गुलाबचंद नावरिया भवन रख दिया गया है।