नई दिल्ली: प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों के साथ होड़ में पिछड़ने वाली सरकारी कंपनी बीएसएनएल के दिन अब फिरने लगे हैं। पिछले कुछ महीनों में कंपनी के सब्सक्राइबर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के हाल में टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद बड़ी संख्या में ग्राहक बीएसएनएल का रुख कर रहे हैं। टेलिकॉम रेगुलेटर ट्राई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक बीएसएनएल के कस्टमर बेस में पिछले दो महीनों से बढ़ोतरी हो रही है। इसमें कम टैरिफ और 4जी सर्विसेज के ‘सॉफ्ट लॉन्च’ का भी योगदान है।
जुलाई में बीएसएनएल ने करीब 30 लाख नए ग्राहक जोड़े जबकि रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित अन्य सभी कंपनियों के यूजर्स की संख्या में गिरावट आई। एयरटेल ने 17 लाख, वोडा आइडिया में 14 लाख और जियो में लगभग 8 लाख यूजर गंवाए। अगस्त में भी बीएसएनएल ही एकमात्र ऐसी कंपनी थी जिसके ग्राहकों की संख्या में तेजी आई। बीएसएनएल ने इस महीने 25 लाख नए ग्राहक जोड़े। इस दौरान जियो ने 40 लाख, एयरटेल ने 24 लाख और वोडा आइडिया ने 19 लाख यूजर्स गंवाए।
मार्केट शेयर
हालांकि कुल मिलाकर बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी अब भी अपने बड़े निजी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बहुत कम है। इस साल अगस्त के अंत में 40.5% की हिस्सेदारी के साथ जियो सबसे आगे है जबकि एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 33% और वोडा आइडिया की 18% है। ट्राई ने कहा कि बीएसएनएल की हिस्सेदारी अभी 7.8% है। अगर इसमें एमटीएनएल की 0.2% हिस्सेदारी भी जोड़ दी जाए तो यह 8% हो जाती है
बीएसएनएल का टैरिफ इंडस्ट्री में सबसे कम हैं। एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) स्कोर से भी यह बात साबित होती है। एयरटेल के एआरपीयू 211 रुपये, जियो का 195 रुपये और वोडा आइडिया का 146 रुपये है। इसकी तुलना में बीएसएनएल का एआरपीयू करीब 90 रुपये है। साफ है कि यह सरकारी कंपनी उपभोक्ताओं से सबसे कम टैरिफ वसूल रही है। कम टैरिफ की एक वजह यह भी है कि कंपनी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर हाई-स्पीड 4G लॉन्च नहीं किया है। दूसरी ओर जियो और एयरटेल जैसे निजी ऑपरेटरों ने अपने यूजर्स के एक बड़े हिस्से को 5G में ट्रांसफर कर दिया है।
घरेलू कंपनियों पर भरोसा
वोडा आइडिया एकमात्र निजी कंपनी है जो अभी भी 4G पर है। हाल ही में फंड जुटाने के बाद यह अब कंपनी 5G पर जाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। बीएसएनएल का 4G ‘इंडिया स्टैक’ विकसित करने के सरकार के प्रयासों की सफलता पर टिका है। कंपनी ने नेटवर्क अपग्रेडेशन का काम एक स्थानीय कंसोर्टियम को सौंपा गया है जिसमें टाटा ग्रुप की टीसीएस और तेजस नेटवर्क तथा सरकारी कंपनी सी-डॉट शामिल है। सरकार ने नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग जैसी वैश्विक दिग्गजों को ऑर्डर देने से इनकार कर दिया है।