The economy takes a big hit, the country’s GDP has fallen to a two-year low.

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सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का पिछला निम्न स्तर 4.3 प्रतिशत था जो वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दर्ज किया गया था. हालांकि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा. इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत थी.

देश की आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से घटकर 5.4 प्रतिशत पर आ गई जो इसका करीब दो साल का निचला स्तर है. शुक्रवार को घोषित आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. एक साल पहले की समान तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत थी.

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का पिछला निम्न स्तर 4.3 प्रतिशत था जो वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दर्ज किया गया था. हालांकि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा. इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत थी.

सरकारी आंकड़ों में आया ये सामने

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि कृषि क्षेत्र वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.5 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 1.7 प्रतिशत बढ़ा था. बीती तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर गिरकर 2.2 प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले इसमें 14.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी.

दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने के साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि छह प्रतिशत आंकी गई है. पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि 8.2 प्रतिशत रही थी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि 6.7 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रही थी.

राजकोषीय घाटा 46.5 प्रतिशत हुआ

केंद्र का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों में पूरे साल के लक्ष्य के 46.5 प्रतिशत तक पहुंच गया. सरकारी आंकड़ों में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई. लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर की अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा 7,50,824 करोड़ रुपये था. सरकार के व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं. वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में घाटा बजट अनुमान का 45 प्रतिशत था.

सरकार ने आम बजट में चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत तक लाने का अनुमान लगाया है. इस तरह, सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 16,13,312 करोड़ रुपये पर सीमित रखना है.

 

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Author: Hind News Tv

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