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AIDS Treatment: HIV अब लाइलाज बीमारी नहीं, यह इंजेक्शन करेगा इस जानलेवा रोग का इलाज

AIDS Treatment: HIV अब लाइलाज बीमारी नहीं, यह इंजेक्शन करेगा इस जानलेवा रोग का इलाज

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AIDS Treatment: AIDS अब लाइलाज बीमारी नहीं रहेगी। जी हां, HIV का इलाज हो गया है। एक इंजेक्शन की खोज की गई है, जो साल में दो बार लगाने पर इस जानलेवा बीमारी से 100% सुरक्षा प्रदान कर सकता है। यह दावा दक्षिण अफ्रीका और युगांडा में किए गए एक अध्ययन में किया गया है।

इस इंजेक्शन का नाम ‘लेंकापावीर’ है। इसे बड़े पैमाने पर परीक्षण करने के बाद पाया गया कि यह इंजेक्शन लड़कियों को HIV से पूरी तरह से सुरक्षित रखता है। आइए जानते हैं कि चिकित्सा क्षेत्र के लिए यह कितनी बड़ी खोज है और यह अन्य स्थानों तक कब तक पहुंचेगी…

HIV इंजेक्शन का परीक्षण

इस परीक्षण में यह जानने का प्रयास किया गया कि हर 6 महीने में ‘लेंकापावीर’ इंजेक्शन लगवाने से HIV संक्रमण से अन्य दवाओं की तुलना में बेहतर सुरक्षा मिलती है या नहीं। युगांडा में 3 स्थानों और दक्षिण अफ्रीका में 25 स्थानों पर 5 हजार लोगों पर लेंकापावीर और दो अन्य दवाओं के परीक्षण किए गए हैं। इस क्लिनिकल ट्रायल को करने वाली दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिक लिंडा गैल बेकर ने यह जानकारी दी।

AIDS Treatment: HIV अब लाइलाज बीमारी नहीं, यह इंजेक्शन करेगा इस जानलेवा रोग का इलाज

HIV इंजेक्शन कितना प्रभावी है?

लेंकापावीर (Len LA) HIV कैप्सिड में प्रवेश करके इस वायरस से बचाव करता है। कैप्सिड एक प्रोटीन शेल है जो HIV के अनुवांशिक सामग्री और प्रतिकृति के लिए आवश्यक एंजाइम को सुरक्षित रखता है। इसे हर 6 महीने में त्वचा पर लगाया जाता है। बता दें कि पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में HIV संक्रमण लड़कियों और महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाता है।

इस इंजेक्शन के परीक्षण में पाया गया कि 2,134 महिलाएं जिन्हें यह इंजेक्शन लगाया गया, उनमें HIV संक्रमण नहीं हुआ, जिससे यह साबित होता है कि लेंकापावीर इंजेक्शन 100 प्रतिशत प्रभावी है।

दुनिया में कितने HIV मरीज हैं?

पिछले साल, वैश्विक स्तर पर 13 लाख नए HIV संक्रमण पाए गए, जो 2010 में 20 लाख मामलों की तुलना में बहुत कम हैं। यूएन AIDS ने 2025 तक दुनिया भर में AIDS के मामलों की संख्या को 5 लाख से कम करने का लक्ष्य रखा है। बता दें कि HIV परीक्षण, कंडोम, यौन संक्रमण के लिए परीक्षण और उपचार के साथ-साथ महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक दवाओं तक पहुंच और प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEEP) प्रदान किया जाना चाहिए, लेकिन इन उपायों के बावजूद हम अभी तक उस स्थिति में नहीं पहुंचे हैं जहां हम संक्रमण के नए मामलों को रोक सकें। अब वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस इंजेक्शन के आने से समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

SatishRana
Author: SatishRana

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