ED ने गुजरात और महाराष्ट्र के चार शहरों में रूपये 2,800 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की है। पापलाज फॉरेन ट्रेड एलएलपी के सूरत स्थित इकाई ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत पापलाज फॉरेन ट्रेड एलएलपी, उसके साझेदार सोमाभाई सुंदरभाई मीणा और ओजसकुमार मोहनलाल नाईक, और उनके सहयोगियों के आवासीयों पर छापेमारी की।
ED ने सूचना पर जांच शुरू की है, और इस छानबीन के दौरान अपराधात्मक दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं। जांच में पता चला कि पापलाज फॉरेन ट्रेड एलएलपी ने मार्च 2024 तक ही जुलाई 2023 के बीच ही डायमंड के आयात और निर्यात में अधिक मूल्यांकन कर रूपये 2,800 करोड़ की राशि भेज दी थी।
ED के अनुसार, जांच में पाया गया कि पापलाज फॉरेन ट्रेड एलएलपी ने सूरत, दिल्ली, मुंबई और पुणे स्थित संस्थाओं से 2,800 करोड़ रुपये प्राप्त किए और इन्हें हॉंगकॉंग में 8 संस्थाओं को भेज दिया था। ED ने कहा कि छानबीन के दौरान पता चला कि जो संस्थाएँ पापलाज फॉरेन ट्रेड एलएलपी को लगभग 2,800 करोड़ रुपये की राशि भेजी थीं, वे नकली संस्थाएँ थीं।