Health: दुनिया भर में अनगिनत बीमारियाँ हैं। इनमें से कुछ का इलाज बहुत ही महंगा होता है। जब हम डॉक्टर के पास जाते हैं, तो डॉक्टर बीमारी का पता लगाने के लिए टेस्ट करवाते हैं। कुछ बीमारियों के लिए टेस्ट की लागत कम होती है, लेकिन कुछ के लिए आपको अपनी जेब खोलनी पड़ती है, क्योंकि उनकी कीमत बहुत ज्यादा होती है। आज हम आपको कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके टेस्ट के शुल्क बहुत ही महंगे होते हैं।
बीमारी के टेस्ट की महंगाई
बीमारी के टेस्ट की महंगाई उसकी संवेदनशीलता पर निर्भर करती है। कुछ रक्त परीक्षण होते हैं, जिनकी लागत 100 रुपये से शुरू होती है। सरकारी अस्पतालों में इन्हें 50 रुपये में या मुफ्त में किया जाता है, जबकि निजी अस्पतालों में इनका शुल्क अधिक होता है। माइक्रोबायोलॉजी टेस्ट, विशेषकर कल्चर टेस्ट, थोड़े महंगे होते हैं। एमआरआई जैसे रेडियोलॉजी टेस्ट की लागत भी अधिक हो सकती है। इसी तरह, कैंसर जैसी बीमारियों के लिए टेस्ट बहुत ही महंगे होते हैं।
कौन सा टेस्ट है सबसे महंगा
- रक्त परीक्षण की लागत केवल 100 रुपये से शुरू होती है। सरकारी अस्पतालों में यह मुफ्त होता है।
- एक्स-रे की लागत 250 रुपये से शुरू होती है और 5,000 रुपये तक जा सकती है।
- यदि इलेक्ट्रोफोरेसिस टेस्ट निजी प्रयोगशाला में किया जाता है, तो इसकी लागत 7,000 रुपये तक हो सकती है।
- माइक्रोबायोलॉजी टेस्ट की लागत 500 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक हो सकती है।
- रेडियोलॉजी टेस्ट की लागत सरकारी अस्पतालों में 2,500 से 3,000 रुपये तक होती है। जबकि निजी प्रयोगशालाओं में इसकी लागत 3,000 से 20,000 रुपये तक हो सकती है। यह बीमारी पर निर्भर करता है।
- हृदय इको टेस्ट की लागत 2,500 से 3,000 रुपये तक होती है।
सबसे महंगा चिकित्सा टेस्ट
यह कठिन है कि सबसे महंगा चिकित्सा टेस्ट कौन सा है, लेकिन अगर हम भारत में कुछ महंगे टेस्टों की बात करें, तो पहला नाम आंजियोग्राफी का आता है। यदि आप इसे निजी अस्पताल या प्रयोगशाला से करवाते हैं, तो इसकी लागत 25,000 रुपये से 30,000 रुपये तक हो सकती है। कुछ जगहों पर इसकी लागत 11,000 रुपये से 25,000 रुपये तक हो सकती है। कैंसर टेस्ट भी इस सूची में शामिल है, जिसके लिए पेट सीटी किया जाता है, जिसकी आमतौर पर लागत 20,000 से 25,000 रुपये तक हो सकती है। इसके अलावा, कई अन्य टेस्ट हैं जो काफी महंगे होते हैं।