भारत और फ्रांस 28 अप्रैल को भारतीय नौसेना को 26 राफेल मरीन विमानों की बिक्री के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, यह कार्यक्रम रक्षा मंत्रालय के बाहर भी आयोजित किए जाने की योजना है।
भारत ने इस महीने की शुरुआत में 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में फ्रांस के साथ 26 राफेल-मरीन लड़ाकू विमानों के लिए अपने अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दी थी।
सरकार से सरकार के बीच होने वाले इस अनुबंध में 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर जेट शामिल होंगे, साथ ही बेड़े के रखरखाव, रसद सहायता, कर्मियों के प्रशिक्षण और स्वदेशी घटक निर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज भी शामिल होगा। ये लड़ाकू विमान आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे और मौजूदा मिग-29 के बेड़े का समर्थन करेंगे।
भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 2016 में किए गए एक अलग सौदे के तहत खरीदे गए 36 विमानों का बेड़ा है। भारतीय वायुसेना के राफेल जेट अंबाला और हाशिनारा में अपने दो ठिकानों से उड़ान भरते हैं। इस सौदे से राफेल जेट की संख्या बढ़कर 62 हो जाएगी और भारतीय शस्त्रागार में 4.5 से अधिक पीढ़ी के विमानों की संख्या बढ़ जाएगी।
