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Health: स्वास्थ्य और मानसिक सुकून के लिए आत्म-देखभाल की अहमियत, 24 जुलाई को मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय आत्म-देखभाल दिवस

Health: स्वास्थ्य और मानसिक सुकून के लिए आत्म-देखभाल की अहमियत, 24 जुलाई को मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय आत्म-देखभाल दिवस

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Health:  हमारे देश में आत्म-देखभाल को उतना महत्व नहीं दिया जाता है। इसके विपरीत, जो लोग आत्म-देखभाल करते हैं, उन्हें स्वार्थी की उपाधि दी जाती है और उनका मजाक भी उड़ाया जाता है, जबकि आत्म-देखभाल बेहद जरूरी है। घर के बुजुर्गों से हम अक्सर सुनते हैं कि अगर आप अपनी देखभाल नहीं करेंगे, तो दूसरों की देखभाल कैसे करेंगे। यही आत्म-देखभाल पर जोर देने की बात है। हर साल 24 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय आत्म-देखभाल दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य आत्म-देखभाल के महत्व को समझाना है।

स्वयं पर ध्यान देने से न केवल आप शारीरिक रूप से फिट रह सकते हैं, बल्कि तनावमुक्त जीवन भी जी सकते हैं। आत्म-देखभाल के तहत ध्यान देने योग्य चीजें निम्नलिखित हैं:

संतुलित आहार लें

स्वास्थ्यपूर्ण आहार से आत्म-देखभाल की शुरुआत करें। ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें जो शरीर को फिट और तंदुरस्त बनाए रखें और मूड को भी अच्छा रखें। आहार में हरी सब्जियाँ, फल, मेवे, और लीन प्रोटीन शामिल करें। वृद्धावस्था में युवा बने रहने के लिए विशेष रूप से प्रोटीन को अपने आहार में शामिल करें। इसके अलावा, हमारे शरीर को हर दिन आयरन, कैल्शियम, और मैग्नीशियम की भी जरूरत होती है। जंक और प्रोसेस्ड फूड को अपने आहार से हटा दें।

Health: स्वास्थ्य और मानसिक सुकून के लिए आत्म-देखभाल की अहमियत, 24 जुलाई को मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय आत्म-देखभाल दिवस

नींद की अहमियत समझें

शरीर के लिए नींद की आवश्यकता को समझें। नींद की कमी से मोटापा, रक्तचाप, और तनाव जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। पर्याप्त नींद लेने से स्वास्थ्य और त्वचा दोनों ही स्वस्थ रहती हैं। मातृत्व के बाद ज्यादातर महिलाएँ नींद की कमी से जूझती हैं, और इसे लंबे समय तक नजरअंदाज करने से वे तनाव और अवसाद का शिकार हो सकती हैं। एक अच्छा आहार और व्यायाम शांतिपूर्ण नींद पाने में मदद कर सकते हैं।

शारीरिक गतिविधि पर ध्यान दें

शारीरिक गतिविधि की कमी से कई बीमारियाँ हो सकती हैं। यह मोटापे से शुरू होता है और यदि इसे नियंत्रित नहीं किया जाए, तो यह मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकता है। हर दिन अपने लिए आधे या एक घंटे का समय निकालें और अपनी पसंद के व्यायाम करें। चाहे वह खेल, तैराकी, नृत्य, या व्यायाम हो। इससे आप वृद्धावस्था में भी फिट रह सकते हैं।

नियमित जांच जरूरी है

हर 6 महीने में या कम से कम साल में एक बार पूर्ण शारीरिक जांच कराएँ। इससे कई बीमारियाँ समय पर पकड़ी जा सकती हैं। समय पर उपचार से बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है।

आत्म-देखभाल के इन पहलुओं पर ध्यान देकर आप न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर कर सकते हैं। आत्म-देखभाल को प्राथमिकता दें और स्वस्थ जीवन जीएं।

SatishRana
Author: SatishRana

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