Punjab सरकार ने प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM Shri Yojana) योजना को लागू करने की इच्छा जताते हुए केंद्र को एक पत्र लिखा है। इस योजना का उद्देश्य स्कूलों को अपग्रेड करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (NEP) को प्रदर्शित करना है। इस योजना के तहत छात्रों को भारत की धरोहर, भारत के मूल्यों, भारतीय भाषाओं और एक भारत श्रेष्ठ भारत से जोड़ा जाएगा।
केंद्र ने रोक दी थी राशि
केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने कुछ समय पहले पंजाब को समग्र शिक्षा अभियान (SSA) के तहत राशि रोक दी थी, क्योंकि वे स्कूल पीएम श्री योजना को लागू करने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन अब योजना को लागू करने की इच्छा जताए जाने के बाद, SSA के तहत ₹515 करोड़ प्राप्त होने की उम्मीद है।
पंजाब शिक्षा सचिव ने लिखा पत्र
राज्य ने केंद्र शिक्षा मंत्रालय के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के बावजूद इस परियोजना से बाहर रहने का निर्णय लिया था। पंजाब शिक्षा सचिव कमल किशोर यादव ने 26 जुलाई को केंद्र शिक्षा सचिव संजय कुमार को पत्र लिखकर बताया कि इस मामले पर पुनर्विचार किया गया और निर्णय लिया गया है कि पंजाब राज्य पीएम श्री योजना को लागू करेगा। इसके लिए, योजना के तहत योजना बनाने के लिए एक पूर्वानुमान बजट प्रदान करने और एक प्रबंधन पोर्टल खोलने का अनुरोध किया गया है।
केंद्र की प्रतिक्रिया
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने लोकसभा सत्र के दौरान सांसद हरसिमरत बादल द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा कि पंजाब में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने बार-बार मंत्रालय की अनुरोध पर जानकारी दी है कि वे पीएम श्री योजना को लागू करेंगे। इसलिए, पीएम श्री योजना को लेकर सरकार और पंजाब राज्य सरकार के बीच कोई गतिरोध नहीं है।
योजना के तहत स्कूलों का उन्नयन
इस योजना के तहत, अगले पांच वर्षों में देश भर के 14,500 स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए ₹27,000 करोड़ का बजट रखा गया है, जिसमें केंद्र सरकार 60 प्रतिशत वित्तीय बोझ वहन करेगी और राज्य सरकार 40 प्रतिशत। पंजाब में इस योजना के तहत 241 स्कूलों को अवसंरचना उन्नयन के लिए चुना गया है।
स्कूल की ड्रेस और किताबें भी शामिल
SSA सरकार के स्कूलों के प्री-स्कूल से कक्षा XII तक के मूल खर्चों को कवर करता है, जिसमें शिक्षकों की तनख्वाह, अवसंरचना, वर्दी और किताबें शामिल हैं। केंद्र ने पंजाब के लिए SSA के तहत FY 2023-24 के लिए तीसरी और चौथी किस्त (लगभग ₹350 करोड़) और FY 2024-25 के लिए पहली किस्त (लगभग ₹165 करोड़) रोक दी थी।
मुख्यमंत्री मान ने भी लिखा पत्र
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखते हुए कहा कि निधियों की अनुपलब्धता शिक्षा प्रणाली के लिए बहुत हानिकारक होगी। मान ने आगे लिखा कि पहले से आवंटित बजट की गैर-रिलीज के कारण राज्य में समग्र शिक्षा और RTE के तहत छात्रों की मौलिक गतिविधियाँ ठप हो गई हैं। हालांकि, राज्य को मान के पत्र का कोई जवाब नहीं मिला और न ही निधियाँ जारी की गईं।
मामला 2022 में भी उठाया गया था
पंजाब ने अक्टूबर 2022 में केंद्र के साथ MoU पर हस्ताक्षर किए थे और अपग्रेड किए जाने वाले स्कूलों की पहचान की गई थी, लेकिन बाद में राज्य ने इससे बाहर रहने का निर्णय लिया। 9 मार्च को प्रधान ने मान को लिखा कि पंजाब ने समझौते की शर्तों के विपरीत पीएम-श्री योजना से एकतरफा बाहर होने का निर्णय लिया है। 15 मार्च को पंजाब शिक्षा सचिव कमल किशोर यादव ने केंद्र को लिखा कि राज्य इस परियोजना का हिस्सा नहीं बनना चाहता। उन्होंने कहा कि राज्य पहले से ही अपनी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, स्कूल ऑफ ब्रिलियंस और स्कूल ऑफ हैप्पिनेस को लागू कर रहा है, जो NEP के साथ संरेखित होंगे। लेकिन अब राज्य ने योजना को लागू करने की इच्छा जताई है।