Alwar News: अलवर जिले में पुलिस प्रशासन और गौ सेवकों की सख्ती के बावजूद गोकशी और गो-तस्करी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी क्रम में आज सुबह गौ सेवकों को सूचना मिली कि एक ट्रक में गायों की तस्करी की जा रही है। सूचना मिलते ही गौ सेवकों ने तस्करी में लिप्त ट्रक का पीछा करना शुरू कर दिया और साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम को भी सूचित किया ताकि पुलिस से मदद ली जा सके।
घटना का विवरण
अलवर जिले के अकबरपुर थाने के एएसआई प्रकाश चंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि नारायणपुर से एक ट्रक में गायों को अलवर शहर की ओर लाया जा रहा है। इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नटनी का बारा पर लगे पुलिस बैरिकेड्स पर पुलिस बल की संख्या बढ़ा दी। लेकिन गौ तस्करों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ते हुए ट्रक को अलवर शहर की ओर बढ़ा दिया। इस दौरान गौ सेवक लगातार तस्करों का पीछा कर रहे थे।
तस्करों द्वारा फायरिंग और ट्रक छोड़कर भागना
तस्करों ने ट्रक से गौ सेवकों पर तीन राउंड फायरिंग की और बाद में ढाई पेडी के पास ट्रक छोड़कर भाग निकले। फायरिंग के बावजूद गौ सेवकों ने हिम्मत नहीं हारी और पुलिस की मदद से ट्रक में फंसी गायों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस ट्रक में कुल 16 गायें थीं, जिनमें से तीन गायें मृत पाई गईं। जीवित गायों को अलवर के कांजी हाउस गौशाला में भेज दिया गया, जबकि मृत गायों का पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गौ तस्करी और प्रशासन की भूमिका
गौ तस्करी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस द्वारा कड़ी सख्ती बरतने के बावजूद तस्करों के हौसले बुलंद हैं। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गौ तस्कर कानून और प्रशासन से बेखौफ होकर अपने काले कारनामों को अंजाम दे रहे हैं।
गौ सेवकों की भूमिका
गौ सेवकों की भूमिका इस घटना में काबिले तारीफ रही है। उन्होंने न केवल अपनी जान की परवाह किए बिना तस्करों का पीछा किया, बल्कि पुलिस को भी समय पर सूचित किया, जिससे तस्करों को पकड़ा जा सके। हालांकि तस्कर भागने में कामयाब रहे, लेकिन गौ सेवकों ने 16 गायों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाने में सफलता पाई। गौ सेवकों का यह साहस और समर्पण सराहनीय है, जो वे गायों की रक्षा के लिए दिखाते हैं।
मृत गायों की दुर्दशा
इस घटना में तीन गायों की मृत्यु हो गई, जो बेहद दुखद है। यह दर्शाता है कि गौ तस्करी का यह धंधा कितना क्रूर और अमानवीय है। पुलिस और प्रशासन को इस ओर और अधिक सख्ती से ध्यान देने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और निर्दोष पशुओं की जान बचाई जा सके।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की योजना
पुलिस ने घटना के तुरंत बाद ट्रक को अपने कब्जे में ले लिया है और तस्करों की तलाश शुरू कर दी है। तस्करों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन को इस घटना से सीख लेकर गौ तस्करी के खिलाफ और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। पुलिस को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ानी चाहिए और तस्करों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
निष्कर्ष
अलवर जिले में गौ तस्करी की यह घटना न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि तस्करों के हौसले कितने बुलंद हैं। गौ सेवकों और पुलिस की तत्परता से 16 गायों को बचा लिया गया, लेकिन इस घटना से यह साफ हो गया कि प्रशासन को और भी सतर्कता बरतने की जरूरत है। गौ तस्करी को रोकने के लिए पुलिस और गौ सेवकों को मिलकर काम करना होगा और तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और निर्दोष गायों की जान बचाई जा सके।