Delhi: दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की परेशानियाँ बढ़ सकती हैं। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के विधायकों द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे गए मेमोरेंडम में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार को संविधान के कथित उल्लंघन के लिए बर्खास्त करने की मांग की गई है। यह मेमोरेंडम गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है।
गुप्ता ने एक बयान में दावा किया कि दिल्ली सरकार की ओर से छठे दिल्ली वित्त आयोग की नियुक्ति नहीं की गई है और नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो संविधान का उल्लंघन है। भा.ज.पा. के विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल 30 अगस्त को राष्ट्रपति से मिला और मेमोरेंडम सौंपते हुए दिल्ली में संविधान संकट के मद्देनजर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की, खासकर जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं।
राष्ट्रपति सचिवालय से प्राप्त पत्र साझा करते हुए गुप्ता ने कहा, “राष्ट्रपति ने मेमोरेंडम को संज्ञान में लिया है और इसे गृह सचिव को भेजा है।” उन्होंने कहा कि उन्होंने गृह सचिव से इस मामले पर तत्काल और उचित कार्रवाई करने की अपील की है।
सुनीता केजरीवाल का बड़ा बयान
हाल ही में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल चोर हैं, तो इस देश में कोई ईमानदार व्यक्ति नहीं है। हरियाणा विधानसभा चुनावों के मद्देनजर शनिवार को भिवानी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुनीता केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी के 10 वर्षों के शासनकाल में हरियाणा के सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में कोई सुधार नहीं हुआ है। यहां बिजली की भी कमी है।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा के पुत्र हैं। आज दिल्ली का नाम विश्व भर में उत्कृष्ट स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण, मुफ्त बिजली और पानी प्रदान करने और महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा देने के कारण प्रसिद्ध है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरविंद केजरीवाल से डरते हैं। उन्होंने कहा कि जब आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार हरियाणा में बनेगी, तो यहां के लोगों को भी दिल्ली और पंजाब जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
दिल्ली सरकार पर आरोप और भाजपा की मांग
भा.ज.पा. विधायकों ने राष्ट्रपति को भेजे गए मेमोरेंडम में केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने संविधान के अनुसार आवश्यक वित्त आयोग की नियुक्ति नहीं की और CAG की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की। गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में संविधान संकट उत्पन्न हो गया है, जिससे शासन की स्थिति और भी खराब हो गई है।
भा.ज.पा. की रणनीति और प्रतिक्रिया
भा.ज.पा. ने इस मुद्दे को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक एजेंडा के रूप में प्रस्तुत किया है और इसे दिल्ली सरकार की नाकामी के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी ने राष्ट्रपति से इस मामले पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है और सरकार की बर्खास्तगी की मांग की है। पार्टी का मानना है कि यदि सरकार को बर्खास्त कर दिया जाता है, तो दिल्ली में एक नई सरकार बनाकर नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।
आगे की राह
राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय की ओर से इस मामले पर की गई कार्रवाई के बाद यह स्पष्ट होगा कि दिल्ली सरकार के खिलाफ उठाए गए कदम कितना प्रभावी होंगे। भाजपा की इस मांग पर विभिन्न राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। यह भी देखा जाएगा कि इस राजनीतिक मुद्दे का चुनावी राजनीति पर कितना प्रभाव पड़ेगा और दिल्ली में राजनीतिक माहौल किस दिशा में जाएगा।
इस समय दिल्ली में राजनीति का तापमान उच्च है और विभिन्न राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय की प्रतिक्रिया क्या होती है और इसका दिल्ली की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।