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Haryana Election: ‘लिपस्टिक-पाउडर लाकै नेता बन जाते हैं’, सांसद जयप्रकाश के आपत्तिजनक बयान पर महिला आयोग ने लिया संज्ञान

Haryana Election: 'लिपस्टिक-पाउडर लाकै नेता बन जाते हैं', सांसद जयप्रकाश के आपत्तिजनक बयान पर महिला आयोग ने लिया संज्ञान

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Haryana Election: हरियाणा के हिसार से सांसद जयप्रकाश जेपी का महिलाओं के राजनीति में प्रवेश को लेकर किया गया बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस बयान ने न केवल सांसद जयप्रकाश को विवाद में घसीट लिया है, बल्कि विपक्षी राजनीतिक दल और खाप पंचायतें भी इस मुद्दे पर आवाज उठा रही हैं। पंचायतों का आयोजन इस मुद्दे पर दो दिनों से चल रहा है। पंचायतें बदसिकरी खुर्द गांव के बड़े चौपाल में आयोजित की गईं, इसके बाद गांव सेरधा और विधानसभा क्षेत्र के अन्य गांवों में पंचायतें हो रही हैं। जयप्रकाश का विरोध इन पंचायतों में किया जा रहा है।

Haryana Election:  'लिपस्टिक-पाउडर लाकै नेता बन जाते हैं', सांसद जयप्रकाश के आपत्तिजनक बयान पर महिला आयोग ने लिया संज्ञान

महिला आयोग ने लिया संज्ञान

अब इस मामले पर महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने कहा है कि सांसद को नोटिस जारी किया जाएगा और उनसे जवाब मांगा जाएगा। बता दें कि 11 सितंबर को सांसद जयप्रकाश अपने बेटे विकास सहारण के कलायत विधानसभा से नामांकन के लिए आए थे।

इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप कम्युनिटी बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स में एक जनसभा को संबोधित किया। इसी सभा के दौरान उन्होंने कहा था कि यदि कोई लिपस्टिक और पाउडर लगाकर नेता बन जाता है, तो वह भी ऐसा ही करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि फिर मुझे दाढ़ी क्यों रखनी चाहिए। उनका यह बयान इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

स्वतंत्र उम्मीदवार का पलटवार

स्वतंत्र उम्मीदवार अनीता धूल बदसिकरी, जिन्होंने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं, ने जयप्रकाश के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि महिलाएं हमेशा से कलायत विधानसभा क्षेत्र में राजनीति के माध्यम से क्षेत्र की शोभा बढ़ाती रही हैं। साथ ही, उन्होंने इस बयान की शिकायत धूल खाप से भी की है।

बयान की गंभीरता

सांसद जयप्रकाश का यह बयान महिला राजनीति में शामिल होने वाली महिलाओं के प्रति अपमानजनक और भेदभावपूर्ण माना जा रहा है। यह बयान न केवल महिला नेताओं को चोट पहुंचाने वाला है, बल्कि यह उन सभी महिलाओं का अपमान भी है जो राजनीति में सक्रिय हैं और समाज में बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।

इस बयान ने ना केवल समाज के विभिन्न वर्गों को उत्तेजित किया है बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे कुछ लोग महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए कदमों को महत्व नहीं देते। महिला आयोग और अन्य सामाजिक संगठनों ने इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दिया है और इसे उचित कानूनी कार्रवाई की दिशा में बढ़ाया है।

समाज में प्रतिक्रियाएँ

सांसद जयप्रकाश के बयान के बाद से समाज में विभिन्न प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ता और महिलाएं इस बयान की आलोचना कर रही हैं और इसे महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह और असंवेदनशीलता का उदाहरण मान रही हैं। वहीं, कुछ लोग इसे राजनीति की एक नई चाल भी मानते हैं जो चुनावों में विरोधी दलों को कमजोर करने के लिए किया गया है।

SatishRana
Author: SatishRana

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