Alwar News: अलवर शहर के अरावली विहार थाना क्षेत्र में एक 17 वर्षीय छात्र के साथ कोचिंग सेंटर में शिक्षक द्वारा चप्पलों और हाथों से पिटाई का मामला सामने आया है। इस पिटाई में छात्र को शरीर पर चोट के निशान भी आए हैं। छात्र के पिता ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर आरोपी शिक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
घटना का पूरा विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जयपुर रोड स्थित चोर डूंगरी निवासी लोकेश शर्मा और उनके बेटे नयन शर्मा ने अरावली विहार पुलिस स्टेशन में शिक्षक पर मारपीट और किडनैपिंग का मामला दर्ज कराया है। नयन ने बताया कि वह हर रोज की तरह अपनी कोचिंग ‘दादू क्लासेज’ योजना 08 में पढ़ाई करने गया था। अगले दिन होने वाली फिजिक्स की परीक्षा की तैयारी के लिए जब शिक्षक देर से आए, तो वह अगले कमरे में जाकर पढ़ाई करने लगा।
इसी दौरान गणित के शिक्षक विक्रम सिंह वहाँ पहुँचे और उन्होंने नयन से पूछा कि वह शिक्षकों के पास बैठकर पढ़ाई क्यों नहीं कर रहा है। नयन ने बताया कि वह शिक्षक के पास बैठकर पढ़ाई कर रहा था, लेकिन जब दूसरा शिक्षक नहीं आया, तो वह अगले कमरे में परीक्षा की तैयारी करने चला गया। इस पर शिक्षक विक्रम सिंह नाराज़ हो गए और उसे घर जाने की धमकी दी।
शिक्षक द्वारा मारपीट और बदसलूकी
गुस्से में आकर शिक्षक विक्रम सिंह ने नयन को चप्पलों और हाथों से बुरी तरह पीटा। उन्होंने नयन को घसीटकर बाथरूम में ले जाकर भी मारा। इस हिंसा से बचने के लिए नयन ने खुद को एक अन्य कमरे में बंद कर लिया। कुछ समय बाद जब उसे लगा कि शिक्षक चले गए हैं, तो उसने अपने पिता को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी।
नयन के पिता तुरंत मौके पर पहुँचे और उसे अरावली विहार पुलिस स्टेशन लेकर गए, जहाँ उन्होंने शिक्षक विक्रम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
पुलिस द्वारा कार्रवाई
पुलिस ने मामले की जांच की ज़िम्मेदारी सहायक उप-निरीक्षक मनोज कुमार को सौंपी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी शिक्षक से जल्द ही पूछताछ की जाएगी और जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
छात्रों के अधिकार और शिक्षकों की जिम्मेदारी
शिक्षण संस्थान छात्रों के विकास और उन्हें शिक्षा देने के लिए होते हैं, लेकिन जब ऐसे संस्थानों में छात्रों के साथ मारपीट और हिंसा होती है, तो यह न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालती है, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें कमजोर कर सकती है।
इस मामले में जिस तरह से एक शिक्षक ने अपने गुस्से में छात्र के साथ दुर्व्यवहार किया, वह शिक्षा के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। शिक्षा का उद्देश्य न केवल ज्ञान देना है, बल्कि छात्रों में अनुशासन, सहिष्णुता और आत्म-सम्मान की भावना को भी बढ़ावा देना है।
हिंसा का प्रभाव
छात्रों के साथ इस तरह की हिंसात्मक घटनाएँ उनकी पढ़ाई और मानसिक स्थिति पर गहरा असर डालती हैं। नयन शर्मा इस घटना के बाद न केवल शारीरिक रूप से चोटिल हुए हैं, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे मामलों में छात्रों को तुरंत सहायता और परामर्श की आवश्यकता होती है, ताकि वे इस सदमे से उबर सकें और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
शिक्षकों की भूमिका पर सवाल
शिक्षक समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे आने वाली पीढ़ी को आकार देते हैं। लेकिन जब शिक्षक अपने गुस्से या निराशा को छात्रों पर निकालते हैं, तो यह न केवल उस शिक्षक की गरिमा को कम करता है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र पर भी सवाल उठाता है।
शिक्षकों को यह समझना चाहिए कि छात्रों के साथ अनुशासन बनाए रखने के लिए शारीरिक हिंसा का सहारा लेना उचित नहीं है। शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के साथ सम्मानजनक और प्रेरणादायक तरीके से व्यवहार करना महत्वपूर्ण है, ताकि वे एक सकारात्मक और सुरक्षित वातावरण में सीख सकें।
क्या होना चाहिए आगे?
इस घटना में पुलिस द्वारा शिक्षक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इसके साथ ही स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को भी अपने शिक्षकों के लिए कड़े नियम और दिशा-निर्देश स्थापित करने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों। शिक्षण संस्थानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके शिक्षकों को छात्रों के साथ व्यवहार करने के सही तरीके के बारे में जागरूक किया जाए।
इसके अलावा, छात्रों के साथ इस तरह की हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन को भी सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। अभिभावकों को भी अपने बच्चों के साथ संवाद बनाए रखना चाहिए, ताकि अगर वे किसी भी तरह की हिंसा या प्रताड़ना का शिकार हो रहे हों, तो वे तुरंत इसकी जानकारी दे सकें।