Bisalpur Dam, जो कि राजस्थान के जल संग्रहण का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, में इन दिनों जल स्तर में लगातार कमी देखने को मिल रही है। इस कारण से, डेम के छह में से पांच गेटों को बंद कर दिया गया है और वर्तमान में केवल एक गेट से ही अतिरिक्त पानी को बाहर निकाला जा रहा है। हाल ही में हुई बारिश की कमी के चलते यह एक गेट भी कभी भी बंद किया जा सकता है। इस समय डेम में पानी का स्तर 315.50 आरएल मीटर पर बनाए रखा गया है।
बिसालपुर डेम का महत्व
बिसालपुर डेम का महत्व केवल जल आपूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कृषि, बिजली उत्पादन और पारिस्थितिकी के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यहाँ का जल संसाधन न केवल स्थानीय कृषि को समर्थन देता है, बल्कि यह क्षेत्र के जल संकट को भी दूर करने में मदद करता है। इसलिए, यहाँ के जल स्तर की निरंतर निगरानी आवश्यक है।
जल स्तर की स्थिति
बिसालपुर कंट्रोल रूम के अनुसार, डेम का जल स्तर पिछले कई दिनों से 315.50 मीटर पर स्थिर है। जब से बारिश का मौसम समाप्त हुआ है, तब से डेम में जल स्तर में कमी आ रही है। पानी का अत्यधिक बहाव रोकने के लिए गेटों को बंद करना आवश्यक हो गया है। शनिवार की सुबह 6 बजे से केवल गेट नंबर 9 से ही 3005 क्यूसेक्स पानी को बाहर निकाला जा रहा है।
बारिश की कमी और उसके प्रभाव
इस वर्ष बारिश की कमी ने बिसालपुर डेम की जल स्थिति को प्रभावित किया है। पहले, सितंबर के पहले सप्ताह में, डेम के दो गेटों को खोला गया था, ताकि अतिरिक्त पानी को बाहर निकाला जा सके। लेकिन जैसे-जैसे पानी का प्रवाह कम हुआ, डेम के सभी छह गेटों को खोलने की आवश्यकता पड़ी। यह स्थिति अब बदल रही है और अब केवल एक गेट का उपयोग किया जा रहा है।
प्रशासन की तैयारी
डेम के जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने गेटों को बंद करने का निर्णय लिया है ताकि जल स्तर स्थिर रहे और भविष्य में होने वाली सूखे की स्थिति के लिए तैयारी की जा सके। इससे न केवल जल संसाधनों का संरक्षण होगा, बल्कि क्षेत्र में जल संकट की स्थिति को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।
संभावित समस्याएं
हालांकि प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम सकारात्मक हैं, फिर भी कुछ संभावित समस्याएं बनी हुई हैं। यदि बारिश का स्तर और भी गिरता है, तो यह क्षेत्र में जल संकट को उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, लोगों को इस बात के लिए तैयार रहना होगा कि यदि स्थिति बिगड़ती है तो उन्हें जल प्रबंधन के अन्य उपायों का सहारा लेना पड़ सकता है।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
बिसालपुर डेम की स्थिति के बारे में स्थानीय समुदाय की चिंताएं बढ़ रही हैं। किसान, जो कि इस जल स्रोत पर निर्भर हैं, को अपनी फसलों के लिए पर्याप्त जल उपलब्धता की चिंता है। कई किसानों ने सरकार से अपील की है कि जल प्रबंधन के लिए स्थायी समाधान खोजे जाएं ताकि उन्हें सूखे के प्रभावों से निपटने में सहायता मिल सके।