Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ जिले में निम्बाहेड़ा-छोटीसादड़ी रोड पर शनिवार रात को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। इस दुर्घटना में ट्रैक्टर और ट्रेलर के बीच जोरदार टक्कर हो गई, जिसके बाद ट्रेलर के डीजल टैंक में विस्फोट हो गया और आग लग गई। आग इतनी भयानक थी कि दोनों वाहन जलने लगे और इस हादसे में एक व्यक्ति जिंदा जल गया। वहीं, एक अन्य व्यक्ति को समय रहते स्थानीय लोगों ने बचा लिया। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया गया, जिन्होंने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हादसा चित्तौड़गढ़ जिले के माधड़ा गांव के पास एसर पंप के नजदीक हुआ। ट्रैक्टर और ट्रेलर के बीच हुई इस टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ, जिसने आसपास के ग्रामीणों को चौंका दिया। ट्रैक्टर ट्रेलर के डीजल टैंक से जा टकराया, जिसके बाद अचानक आग लग गई और देखते ही देखते दोनों वाहन धू-धू कर जलने लगे। हादसे में ट्रैक्टर सवार दो व्यक्तियों में से एक को ग्रामीणों ने बचा लिया, जबकि दूसरा व्यक्ति आग की चपेट में आकर जिंदा जल गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टक्कर के बाद अचानक एक तेज आवाज सुनाई दी, जिसके बाद दोनों वाहनों में आग लग गई। ट्रेलर का चालक टक्कर के तुरंत बाद कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहा। वहीं, ट्रैक्टर में सवार दो लोगों में से एक को ग्रामीणों ने बचा लिया, लेकिन दूसरे व्यक्ति को बचाने में असफल रहे, क्योंकि वह वाहन के नीचे फंस गया था। आग इतनी तेज थी कि उसे निकाल पाना संभव नहीं हो सका। इस हादसे की वजह से रोड पर लंबा जाम लग गया और यातायात बाधित हो गया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे की सूचना मिलते ही निम्बाहेड़ा पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुंची, जिसमें डिप्टी बदरीलाल राव भी शामिल थे। साथ ही पूर्व मंत्री और विधायक श्रीचंद कृपलानी ने घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों से फोन पर बात की और तुरंत जरूरी निर्देश दिए। कृपलानी के निर्देश पर जेके सीमेंट और वंडर सीमेंट की कुल चार फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया। आग बुझाने के बाद सड़क पर यातायात बहाल किया गया।
आग पर काबू पाने की कोशिशें
आग पर काबू पाने के लिए कई फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ बुलाई गईं, जिन्होंने कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित किया। इस दौरान ट्रेलर में रखा सारा सामान, जिसमें फोम के गद्दे, टायर और किराने का सामान शामिल था, जलकर खाक हो गया। हादसे के बाद सड़क पर लगे जाम को पुलिस ने धीरे-धीरे हटाकर यातायात को सुचारू रूप से चालू किया।
मृतक और घायल की पहचान
इस भीषण दुर्घटना में जलकर मरने वाले व्यक्ति की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। मृतक के जले हुए शरीर को निम्बाहेड़ा अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है, जहाँ उसकी पहचान की कोशिश की जा रही है। वहीं, इस हादसे में घायल व्यक्ति की पहचान प्रकाश पुत्र रामलाल प्रजापति के रूप में हुई है, जो रूपा खेड़ी उज्जैन का रहने वाला है। प्रकाश को गंभीर रूप से जलने के बाद प्राथमिक उपचार के लिए निम्बाहेड़ा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत नाजुक होने के कारण उसे उदयपुर रेफर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि प्रकाश निम्बाहेड़ा में एक ईंट-भट्टे पर काम करता था।
हादसे का कारण
हादसे के बाद प्राप्त जानकारी के अनुसार, ट्रैक्टर ट्रेलर के डीजल टैंक से टकरा गया, जिससे टैंक में विस्फोट हुआ और आग लग गई। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह हादसा कैसे हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या ट्रेलर या ट्रैक्टर में कोई तकनीकी खराबी थी या फिर यह हादसा किसी मानवीय गलती की वजह से हुआ।
घटनास्थल पर नेताओं की मौजूदगी
इस भीषण हादसे की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी और पूर्व विधायक अशोक नवलक्खा ने तुरंत मौके पर पहुँचकर हालात का जायजा लिया। कृपलानी ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को तेज कार्रवाई के निर्देश दिए और स्थानीय प्रशासन से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की। वहीं, नवलक्खा ने अपने कार्यक्रम को स्थगित कर दुर्घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति की जानकारी ली।
ग्रामीणों की भूमिका
इस हादसे में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका स्थानीय ग्रामीणों की रही, जिन्होंने तुरंत मौके पर पहुँचकर ट्रैक्टर में फंसे लोगों को बचाने का प्रयास किया। हालांकि, आग इतनी तेजी से फैली कि वे एक व्यक्ति को ही बचा पाए, जबकि दूसरा व्यक्ति जलकर मर गया। ग्रामीणों ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया और प्रशासन से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
भविष्य की सुरक्षा उपाय
इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और वाहनों की जांच-पड़ताल की गंभीरता को उजागर किया है। ऐसे हादसों को रोकने के लिए प्रशासन को सड़कों पर सुरक्षा मानकों को सख्त बनाने की जरूरत है। ट्रक और ट्रैक्टर जैसे भारी वाहनों की नियमित जांच-पड़ताल होनी चाहिए, ताकि कोई तकनीकी खामी होने पर उसे समय रहते ठीक किया जा सके। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि लोग सड़क पर सावधानी बरतें और दुर्घटनाओं से बच सकें।