Dausa: दौसा नगरपालिका ठेकेदार संघ ने आज नगरपालिका के आठ टेंडरों का बहिष्कार करते हुए पुराने भुगतान की मांग की है। ठेकेदारों का कहना है कि एक साल से ज्यादा समय से उनके पुराने कार्यों का भुगतान लंबित है, जिसके कारण उन्हें इस तरह के कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ठेकेदारों का आरोप है कि नगरपालिका अधिकारियों की उदासीनता के कारण उनकी मेहनत की कमाई का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
पुरानी भुगतान की समस्या
संघ के अध्यक्ष बबली प्रसाद सैनी ने बताया कि पिछले दो वर्षों से लगभग 15 करोड़ रुपये का भुगतान सभी ठेकेदारों का लंबित है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने तब के उप-विभागीय अधिकारी, आयुक्त, अध्यक्ष और जिला कलेक्टर को लिखित में ज्ञापन दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस स्थिति ने ठेकेदारों के बीच गहरी नाराजगी पैदा की है।
नगरपालिका के आयुक्त पर आरोप
ठेकेदार मोतीलाल मीना ने नगरपालिका आयुक्त और पूर्व एसडीओ दौसा पर आरोप लगाया कि उन्होंने हाल ही में प्राप्त बजट को अपने चहेतों में बांट दिया और अन्य ठेकेदारों को केवल देखने के लिए छोड़ दिया। मीना ने कहा कि यह न केवल अनुचित है, बल्कि यह नगरपालिका के कामकाज के प्रति एक गंभीर लापरवाही भी है। इस कारण ठेकेदारों में आक्रोश उत्पन्न हुआ, जिसने उन्हें नए टेंडर का बहिष्कार करने के लिए प्रेरित किया।
ठेकेदारों का एकजुटता
ठेकेदार संघ ने आज एकजुट होकर यह निर्णय लिया कि जब तक उनकी पुरानी भुगतान की मांग पूरी नहीं होती, तब तक वे किसी भी नए टेंडर में भाग नहीं लेंगे। उनका कहना है कि इस निर्णय से उन्हें मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि कई ठेकेदार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। ठेकेदारों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर 30 सितंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे नगरपालिका के सामने धरना देंगे।
नगरपालिका की प्रतिक्रिया
हालांकि, नगरपालिका की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। ठेकेदारों के विरोध को देखते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि नगरपालिका जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकालेगी। यदि इस मुद्दे को जल्दी नहीं सुलझाया गया, तो यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है, जिससे विकास कार्यों में रुकावट आ सकती है।
ठेकेदारों की वित्तीय स्थिति
पुराने भुगतान की लंबित राशि के कारण ठेकेदारों की वित्तीय स्थिति खराब हो रही है। कई ठेकेदार ऐसे हैं जो इस पैसे का उपयोग अपने दैनिक खर्चों के लिए भी नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा, कई ठेकेदारों ने बैंक से ऋण लिया है, जिसका भुगतान भी उन्हें करना है। ऐसे में, पुराने भुगतान का लंबित रहना उनके लिए आर्थिक रूप से और भी कठिनाई पैदा कर रहा है।
संभावित समाधान
इस समस्या का समाधान निकालने के लिए, नगरपालिका को ठेकेदारों के साथ संवाद स्थापित करना होगा। उन्हें ठेकेदारों की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए और तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इसके लिए, एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया जा सकता है, जिसमें ठेकेदार संघ और नगरपालिका के सभी संबंधित अधिकारी शामिल हों।
ठेकेदारों की भविष्यवाणी
ठेकेदारों ने यह स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं किया जाता है, तो वे 30 सितंबर को धरना देंगे। उनका यह कदम न केवल उनकी आर्थिक समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं। यदि इस धरने के दौरान नगरपालिका को कोई ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर नहीं किया गया, तो ठेकेदारों के बीच आक्रोश और भी बढ़ सकता है।