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Rajasthan News: युवा ने जीवित होने का बोर्ड लेकर कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन, जानिए मामला क्या है

Rajasthan News: युवा ने जीवित होने का बोर्ड लेकर कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन, जानिए मामला क्या है

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Rajasthan News: राजस्थान के पिपर सिटी में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है, जहां 23 वर्षीय सुमेर सिंह ने कलेक्ट्रेट में अपनी जीवित होने का बोर्ड लेकर प्रदर्शन किया। यह मामला उस समय सामने आया जब सुमेर को पता चला कि नगरपालिका के दस्तावेजों में उसे मृत घोषित कर दिया गया है।

घटना का विवरण

सुमेर सिंह, जो पिपर सिटी के उचियादा बेरा का निवासी है, हाल ही में विवाह कर चुका है। उसने अपनी और पत्नी की दस्तावेज़ों को अपडेट करने के लिए e-Mitra का रुख किया, जहां उसे यह जानकारी मिली कि उसका नाम परिवार के सदस्य सूची और राशन कार्ड से हटा दिया गया है। जब सुमेर ने इस मामले की जांच करने के लिए पिपर सिटी नगरपालिका में संपर्क किया, तो वहां के एक क्लर्क ने उसे वहाँ से भगा दिया।

Rajasthan News: युवा ने जीवित होने का बोर्ड लेकर कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन, जानिए मामला क्या है

सुमेर ने बताया, “जब मैंने 181 हेल्पलाइन पर संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि आप हमारे डेटाबेस में मृत घोषित किए गए हैं और आपका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बना दिया गया है।” यह सुनकर सुमेर के पैरों तले जमीन खिसक गई। जब उसने नगरपालिका के अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें धमकी दी गई और उसे बाहर धकेल दिया गया।

कलेक्टर से अपील

सुमेर ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उसने अपील की कि उसके दस्तावेज़ों में सुधार किया जाए और उसे जीवित दिखाने के लिए कार्रवाई की जाए। उसने मांग की कि उसके खिलाफ किए गए इस धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

ज्वलंत मुद्दा

यह मामला सिर्फ सुमेर का नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाता है कि नगर पालिकाओं में दस्तावेजों की सटीकता और पारदर्शिता पर। कुछ दिनों पहले, दक्षिण नगर निगम में भी इसी तरह की एक घटना सामने आई थी, जहां बिना उचित दस्तावेजों के जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। इस प्रकार की घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि सरकारी कार्यालयों में व्यवस्थाओं में कितनी खामियां हैं।

कलेक्टर की जिम्मेदारी

जिला कलेक्टर को इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इस तरह की धोखाधड़ी पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो भविष्य में और भी लोग इस प्रकार की समस्याओं का सामना कर सकते हैं। सुमेर जैसे युवाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन को त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है।

जन जागरूकता

इस घटना ने समाज में एक जागरूकता की लहर दौड़ाई है। अब लोग अपने अधिकारों के प्रति अधिक सचेत हो रहे हैं और सरकारी कार्यालयों में होने वाली गलतियों के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं। सुमेर की तरह कई लोग इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, लेकिन उन्हें न्याय दिलाने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे।

SatishRana
Author: SatishRana

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