Search
Close this search box.

Bundi News: राव सूरजमल हाड़ा की छतरी के पुनर्निर्माण पर सहमति, आज दोपहर होगा भूमिपूजन

Bundi News: राव सूरजमल हाड़ा की छतरी के पुनर्निर्माण पर सहमति, आज दोपहर होगा भूमिपूजन

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

Bundi News: बूँदी के तुलसी गांव में पूर्व राजा राव सूरजमल हाड़ा की छतरी, जिसे हाल ही में तोड़-फोड़ किया गया था, अब पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में है। इस महत्वपूर्ण निर्णय को लेकर संघर्ष समिति के अक्षय हाड़ा ने बताया कि यह सहमति कोटा-बूँदी के सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ एक बैठक के बाद बनी है। आज दोपहर भूमिपूजन के बाद छतरी के निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा।

बैठक में लिए गए निर्णय

गुरुवार शाम को कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के कैंप कार्यालय में छतरी के पुनर्निर्माण पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में कोटा के कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी, बूँदी के कलेक्टर अक्षय गोदारा, ओम बिड़ला के ओएसडी राजीव दत्ता, दिल्ली से एयरपोर्ट अथॉरिटी की टीम, कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी की टीम, संघर्ष समिति के अध्यक्ष ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा, उपाध्यक्ष अक्षय हाड़ा और अन्य सदस्यों ने भाग लिया। अक्षय हाड़ा ने सभी को एयरपोर्ट के ड्रॉइंग और अन्य जानकारियों से अवगत कराया और बताया कि छतरी प्रस्तावित एयरपोर्ट के रनवे में बाधा नहीं डाल रही है। यह रनवे से 300 मीटर की दूरी पर, एप्रन के पास स्थित है।

Bundi News: राव सूरजमल हाड़ा की छतरी के पुनर्निर्माण पर सहमति, आज दोपहर होगा भूमिपूजन

छतरी का ऐतिहासिक महत्व

600 साल पुरानी छतरी राव सूरजमल हाड़ा की विरासत का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह छतरी बूँदी के इतिहास और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है। छतरी की तोड़-फोड़ केवल एक सांस्कृतिक धरोहर का नाश नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की पहचान पर भी चोट करता है।

सरकार की कार्रवाई

20 सितंबर को छतरी के तोड़-फोड़ के बाद, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के विरोध के चलते राज्य सरकार ने तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद, समाज की पूरी कोशिश थी कि छतरी को उसी स्थान पर पुनर्निर्मित किया जाए। इस बैठक में लिए गए निर्णय के बाद, अब यह सुनिश्चित हो गया है कि छतरी का पुनर्निर्माण संभव होगा।

भूमिपूजन की तैयारी

आज दोपहर भूमिपूजन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और समाज के लोगों की भागीदारी होगी। यह अवसर न केवल छतरी के पुनर्निर्माण का प्रतीक होगा, बल्कि यह बूँदी की सांस्कृतिक एकता और सामाजिक सहिष्णुता का भी प्रतीक बनेगा।

समाज की एकजुटता

इस मुद्दे पर समाज के विभिन्न वर्गों ने एकजुटता दिखाई है। संगठनों और सामुदायिक सदस्यों ने मिलकर छतरी के पुनर्निर्माण के लिए संघर्ष किया है। यह एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि जब समाज एकजुट होता है, तो वह अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाने में सक्षम होता है।

राव सूरजमल हाड़ा का योगदान

राव सूरजमल हाड़ा का नाम बूँदी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वे न केवल एक महान शासक थे, बल्कि उन्होंने अपने शासनकाल में बूँदी की संस्कृति और कला को भी बढ़ावा दिया। उनकी छतरी, जो उनकी शौर्य और साहस का प्रतीक है, आज भी बूँदीवासियों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है।

अंतिम शब्द

इस पुनर्निर्माण कार्य के साथ, बूँदी के लोग एक नई शुरुआत की ओर बढ़ रहे हैं। छतरी का पुनर्निर्माण न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी बनेगा।

बूँदी की संस्कृति और धरोहर को संरक्षित रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। अब, जब भूमिपूजन का कार्य प्रारंभ होगा, तो यह उम्मीद की जा रही है कि यह छतरी फिर से अपने पुराने गरिमा और ऐतिहासिक महत्व को प्राप्त करेगी। यह आयोजन बूँदीवासियों के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत होगा और उनकी सांस्कृतिक पहचान को मजबूती प्रदान करेगा।

समारोह का महत्व

भूमिपूजन समारोह में शामिल होने वाले सभी लोगों के लिए यह एक गर्व का अवसर होगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की भागीदारी यह दर्शाएगी कि सामूहिक प्रयास से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।

यह पुनर्निर्माण कार्य न केवल बूँदी की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने का कार्य करेगा, बल्कि यह स्थानीय समुदाय के लिए एकजुटता और सहयोग का भी प्रतीक होगा। आज का दिन बूँदी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनेगा।

SatishRana
Author: SatishRana

Leave a Comment

और पढ़ें

  • Buzz4 Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool