नई दिल्ली:
हरियाणा विधानसभा के लिए मतगणना 8 तारीख को होगी। मतदान के बाद आए एग्जिट पोल में कांग्रेस की बड़ी जीत का अनुमान लगाया गया है। अधिकांश एग्जिट पोल ने कांग्रेस को 50 के करीब सीटें दी हैं, जबकि हरियाणा में बहुमत के लिए 46 सीटें आवश्यक हैं। इससे कांग्रेस नेताओं का मनोबल ऊंचा है। इस बीच, मुख्यमंत्री पद के लिए लॉबिंग भी शुरू हो गई है, जिसमें कई वरिष्ठ नेता अपने पक्ष में लॉबिंग कर रहे हैं।
सभी के अपने-अपने दावे हैं
भूपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री पद के लिए अपने दावे को स्वाभाविक मान रहे हैं, जबकि कुमारी शैलजा भी दावा कर रही हैं। शनिवार को उन्होंने कहा कि अगर भजनलाल के नेतृत्व में हुड्डा मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो इस बार भी ऐसा हो सकता है। दीपेंद्र हुड्डा और उनके समर्थक भी एकजुट हो रहे हैं। दीपेंद्र को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और वे हरियाणा में स्टार प्रचारक भी रहे हैं। हुड्डा समर्थकों का कहना है कि उनके नाम पर ही सहमति बनेगी। रणदीप सुरजेवाला ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी इच्छा जताई है और कहा है कि अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान करेगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच मुकाबला
हरियाणा में, अगर कांग्रेस सरकार बनाती है, तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं। वे पहले भी दो बार राज्य में कांग्रेस की सरकार चला चुके हैं। इस बार भी उन्होंने और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने कड़ी मेहनत की है। हालांकि, हुड्डा परिवार के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचना आसान नहीं होगा क्योंकि उन्हें कई लोगों से चुनौती मिल सकती है। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा का नाम प्रमुख है, जो दलित समाज से आती हैं और राज्य की वरिष्ठ नेता हैं। फिर भी, हुड्डा के पक्ष में यह बात है कि उन्होंने अपने समर्थकों को बड़ी संख्या में टिकट दिलाने में सफलता प्राप्त की है। अगर कांग्रेस के भीतर शक्ति प्रदर्शन की स्थिति आती है, तो हुड्डा शैलजा पर भारी पड़ सकते हैं।
मुख्यमंत्री के फैसले पर पार्टी आला कमान निर्णय लेगा: भूपेंद्र हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री के चयन का निर्णय पार्टी आला कमान द्वारा किया जाएगा।