रविवार को शिव शक्ति धाम, दासना में हिन्दू संगठनों और संतों की आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का प्रमुख उद्देश्य महमंडलेश्वर Yati Narasimhanand गिरि की कथित अवैध हिरासत के खिलाफ रणनीति बनाना था। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सोमवार को बड़ी संख्या में सभी संगठनों के सदस्य पुलिस आयुक्त कार्यालय पर पहुंचकर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे।
बैठक की अध्यक्षता महेश आहूजा ने की और संचालन डॉ. उदिता त्यागी तथा विनोद सर्वोदय ने किया। किसान नेता सहदेव त्यागी ने इस बैठक में Yati Narasimhanand की अवैध हिरासत को लेकर हिन्दू समाज की चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने महमंडलेश्वर को शिव शक्ति धाम छोड़ने के लिए मजबूर किया, जिसके बाद वे अपने शिष्य राजेश पहलवान के घर बम्हेटा चले गए। वहां उन्हें सहायक पुलिस आयुक्त और वेब सिटी के थाना प्रभारी ने गिरफ्तार किया। उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया, जहां उन्हें दो दिनों तक रखा गया। लेकिन अब वह वहां भी नहीं हैं और उन्हें अदालत में भी पेश नहीं किया गया है।
महमंडलेश्वर की सुरक्षा पर सवाल
सहदेव त्यागी ने कहा कि यदि महमंडलेश्वर Yati Narasimhanand को कुछ होता है, तो इसके लिए पुलिस अधिकारी जिम्मेदार होंगे। यह एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि महमंडलेश्वर Yati Narasimhanand हिन्दू समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और उनके साथ ऐसा व्यवहार समाज को आहत करने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाएं हिन्दू समाज की एकता और सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं।
पुलिस आयुक्त पर आरोप और हिन्दू समाज की प्रतिक्रिया
अक्षय त्यागी ने पुलिस आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि महमंडलेश्वर का अपमान करने के बाद से दंगाइयों का हौसला बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि पहले भी दासना में भाजपा मंडल अध्यक्ष डॉ. तोमर की हत्या हो चुकी है, लेकिन इस बार मामला महमंडलेश्वर का है, जिनके लिए लाखों हिन्दू मरने को तैयार हैं। उनका मानना है कि महमंडलेश्वर के साथ हुए इस प्रकार के व्यवहार से हिन्दू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है, और अगर इस मामले का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो हिन्दू समाज में रोष बढ़ सकता है।
बैठक में प्रमुख संतों और नेताओं की उपस्थिति
इस बैठक में अनेक प्रमुख संतों और समाज के नेताओं ने भाग लिया। बैठक में आचार्य महमंडलेश्वर सच्चिदानंद महाराज, ओम भारती, नरीशानंद, वीणम माता, यति रामस्वरूपानंद, यति निर्भयानंद, यति रंसिंहानंद, वेद नगर, अनिल मावी, ममता सहगल और अन्य लोग उपस्थित रहे। इन सभी ने एकजुट होकर इस मुद्दे पर अपना विरोध व्यक्त किया और पुलिस की कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताया। सभी संतों ने हिन्दू समाज की सुरक्षा और एकता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
हिन्दू संगठनों का आंदोलन और आगामी रणनीति
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि अगर महमंडलेश्वर Yati Narasimhanand को न्याय नहीं मिला, तो हिन्दू समाज एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार है। सोमवार को हिन्दू संगठनों के सदस्य बड़ी संख्या में पुलिस आयुक्त कार्यालय पर एकत्र होंगे और वहां प्रदर्शन करेंगे। सभी संगठनों का मानना है कि महमंडलेश्वर के साथ हुए अन्याय के खिलाफ हिन्दू समाज को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।
यह भी निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाएगा और हिन्दू समाज के विभिन्न संगठनों से समर्थन लिया जाएगा। हिन्दू संगठनों का यह भी मानना है कि महमंडलेश्वर Yati Narasimhanand के खिलाफ की गई कार्रवाई किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकती है, और इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
महमंडलेश्वर Yati Narasimhanand की भूमिका और उनके विचार
महमंडलेश्वर Yati Narasimhanand हिन्दू समाज में एक प्रभावशाली संत हैं, जो हिन्दू धर्म और समाज की रक्षा के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। वे धर्म, संस्कृति और समाज के मुद्दों पर स्पष्ट विचार रखते हैं और अपने कड़े भाषणों और उपदेशों के लिए जाने जाते हैं। Yati Narasimhanand का मानना है कि हिन्दू समाज को संगठित होकर अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। उनके अनुयायी और समर्थक उनकी इस विचारधारा का समर्थन करते हैं और उनके साथ अन्याय होने पर पूरी तरह से विरोध में उतरने को तैयार हैं।